अयोध्या में बरिश से किसानों में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल, खेतों में लेट गईं गन्ने और धान की फसलें

अयोध्या में बरिश से किसानों में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल, खेतों में लेट गईं गन्ने और धान की फसलें

तारुन/अयोध्या, अमृत विचार। भारी बरसात से जहां पर किसानों के चेहरे खिले हैं वहीं पर तमाम किसानों के धान व गन्ने की फसल गिर गई। जिसके कारण उनको भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि इस बारिश से 75 प्रतिशत किसानों का फायदा पहुंचा है, वहीं 25 प्रतिशत किसानों को धान व गन्ने के गिर जाने से नुकसान पहुंचा है। 

नेतवारी चतुरपुर के किसान राम सूरत निषाद ने बताया कि हमारा एक बीघा धान गिर गया। धान की बालियां पानी के अंदर सड़ जायेगी। बेलगरा के किसान बबलू सिंह ने बताया कि एक बीघा धान गिर गया अभी बालियां नहीं निकली थी। दो बीघा गन्ना भी गिर गया।

पूराबाजार में धान की फसल लेट गई

पूराबाजार: तेज हवा के साथ हो रही बारिश से फायदा न के बराबर है नुकसान अधिक हुआ है। धान व गन्ने की फसलें जमीन पर लेट गई। इससे पैदावार पर असर पड़ेगा। खनुवावां के ओमप्रकाश पांडे बताते हैं कि 10 बीघा धान की फसल लगाया था, जिसमें से पांच बीघा धान की फसल पक कर तैयार था, तेज हवा और बरसात के पानी से वह जमीन पर लेट गया और खेत में पानी भरा हुआ है।

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अयोध्या : बारिश की वजह से गन्ने की फसल भी बुरी तरह से प्रभावित

 

अब धान की फसल हाथ आने वाली नहीं है खेत में सडकर खराब हो जाएगी और गन्ना भी गिर गया। खनुवावां के भूपेंद्र पांडे, सभाजीत निषाद, राम अवध निषाद, मंसाराम निषाद, राममूरत पांडे, सालिकराम निषाद, छेद्न लाल निषाद कहते हैं कि इस बरसात से फायदा न के बराबर है। नुकसान अधिक है। जिसमें खासकर धन और गन्ने की फसल जमीन पर गिर जाने से पानी में सड़ कर खराब हो जाएगी।

बरसात ने किसानों को किया तबाह, उपज पर पड़ेगा प्रभाव 

सोहावल: गुरुवार की शाम से शुरू हुई अनवरत बरसात ने पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। जिनकी खड़ी धान और गन्ने की फसल गिर कर तबाह हो गई। खरीफ की फसलों में शामिल उरद, मूंग और सब्जियों में तोरई, करेला, टमाटर आदि को भारी नुकसान हुआ।

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अयोध्या :सोहावल के मंगलसी गांव की पानी में डूबी सड़क

 

प्रगतिशील किसान राम सिंह राम गणेश वर्मा मंगलसी, केदार मौर्य भरथूपुर, संजय चौबे लहरापुर आदि कहते है इस बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी। बिना बाली वाली धान की फसल में उत्पादन न के बराबर होगा। गन्ना गिर जाने से वजन घट जाएगा। सब्जी की फसल दोबारा लगानी पड़ेगी। वहीं तेज हवाओं के कारण कई लोगों के टीन टप्पर उखड़ गए।

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