फर्जी पासपोर्ट बनवाने में आरोपी को 7 साल की सजा : अदालत ने 20 हजार रुपये का लगाया अर्थदंड

 फर्जी पासपोर्ट बनवाने में आरोपी को 7 साल की सजा : अदालत ने 20 हजार रुपये का लगाया अर्थदंड

मुरादाबाद, अमृत विचार : मुरादाबाद में फर्जी तरीका से पासपोर्ट बनवाने के मामले में अदालत ने बुधवार को दोषी पाते हुए आरोपी को 7 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये की अर्थदंड भी लगाया है। आरोपी ने 25 साल पहले दो पहचानों पर अलग-अलग पासपोर्ट बनवाए थे। 

नागफनी थाना क्षेत्र के मोती बाग इतवार का बाजार नब्बन खां के खिलाफ 26 जुलाई 1999 को धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। उस समय दी तहरीर में बताया था कि नब्बन खां ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया था। विभाग द्वारा जांच कराई गई तो मामला पकड़ में आ गया है। विभागीय जांच में नब्बन ने दो अलग-अलग पते की जानकारी दी थी। जबकि फोटो दोनों आवेदनों पर एक ही था। फर्जीवाड़ा का संदेह होने पर टीम जांच करने पासपोर्ट धारक नब्बन खां के घर गई, पता चला कि वह वहां रहता ही नहीं है।

इसके बाद टीम मोती बाग इतवार का बाजार पहुंची, तो नब्बन वहां मौजूद था। जांच के दौरान उसकी पारिवारिक जानकारी ली गई। इसी दौरान उसका फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। नब्बन ने एक पासपोर्ट में अपना नाम बुस्सर खां पुत्र स्व. हबी बुल्ला बताया था। जबकि दूसरा मोती बाग इतवार पर आवेदन किया था। एक में हिंदी में और दूसरे में उर्दू में हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद मामले में एलआईयू निरीक्षक योगेश कुमार ने नागफनी थाने में नब्बन के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी कागजात बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।

बुधवार को मामले की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तपस्या त्रिपाठी की अदालत में की गई। अभियोजन अधिकारी राकेश चंद भारतीय और संजीव कुमार ने बताया कि अदालत ने इस मामले में आरोपी नब्बन खां को धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाने और साजिश रचने के आरोप में दोषी करार देते हुए से 7 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है