पीएम ने पसमांदा की आवाज को बनाया राष्ट्रीय विमर्श का मुद्​दा: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कही यह बात 

पीएम ने पसमांदा की आवाज को बनाया राष्ट्रीय विमर्श का मुद्​दा: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कही यह बात 

बाराबंकी, अमृत विचार। कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को पिछड़ों में सिर्फ़ हिन्दू ओबीसी ही दिखते हैं। इन्हें देश के कुल 52 प्रतिशत ओबीसी में करीब 13 प्रतिशत मुस्लिम पिछड़ों यानी पसमांदा मुसलमानों से कोई मतलब नहीं हैं।

यह बात ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने अपने एक बयान में कही हैं। उन्होंने कहाँ कि ज्यादातर मुस्लिम पिछड़े 10 अगस्त 1950 के पहले दलित वर्ग में थे और अन्य धर्मों के एससी दलितों की तरह इन्हें भी एससी आरक्षण का लाभ मिलता था। जिन्हें तत्कालीन कॉंग्रेस  नेहरू सरकार ने इन्हें आरक्षण से बाहर कर दिया था। पहले धार्मिक प्रतिबंध लगाकर इनसे इनका एससी आरक्षण का अधिकार छीना और अब इन्हें पिछड़ा नहीं, सिर्फ मुस्लिम मानकर अपनी पार्टी के सत्ता और संगठन में भी हिस्सेदारी देने को तैयार नहीं।

इसलिये कांग्रेस फ्रंटल संगठनों व पार्टी कार्यकारणी में कोई मुस्लिम, पिछड़ा या पूर्व का कोई दलित (अछूत) मुसलमान, किसी अहम पद पर नहीं है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने दलितों से बदतर हालात में पहुंच चुके मुस्लिम पिछड़ों और दलितों यानी पसमांदा की आवाज़ उठाकर, न सिर्फ इसे एक राष्ट्रीय विमर्श का मुद्दा बनाया, बल्कि मुस्लिम पिछड़ों को अपने राष्ट्रीय संगठन, राज्यसभा, MLC, यूपी में मंत्री, निगमों, आयोगों में चेयरमैन आदि बनाकर और कुछ राज्यों में विस टिकट देकर एक बेहतर हिस्सेदारी देने की शुरुआत की।