कानपुर में डेढ़ माह में तीन बार ट्रेन पलटाने की साजिश: जांच पे जांच, नतीजा सिफर...यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर में महज डेढ़ माह में तीन बार ट्रेन हादसे का शिकार होने से बची। बीते अगस्त माह में रेलवे ट्रैक पर पत्थर टकरा गया था। जिससे साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे के बाद यात्री ट्रेन से कूद गए थे। इसी तरह बीते दिनों फर्रुखाबाद रूट पर कालिंद्री एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश की गई। जिसमें ट्रेन से टकराने के बाद सिलेंडर 50 मीटर दूर जा गिरा था। चालक के ट्रेन रोकने पर हादसा टल गया था। इसी तरह रविवार को भी रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर रखकर मालगाड़ी को पलटाने की साजिश की गई। अधिकारी हर घटना पर मौके पर पहुंचते, जांच की बात कहकर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का आश्वासन भी देते है। लेकिन तीनों घटना में अभी तक किसने घटना की। इसका कुछ पता नहीं चल सका।
पत्थर टकराने से साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतरे थे
वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास शनिवार तड़के पटरी से उतर गए। हालांकि, इस हादसे में जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है। उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने 'पीटीआई-भााषा' को बताया कि यह हादसा तड़के ढाई बजे हुआ। उन्होंने बताया कि साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर और भीमसेन रेलवे स्टेशन के बीच पटरी से उतर गए। हालांकि, इस हादसे में किसी के मारे जाने या घायल होने की फिलहाल कोई खबर नहीं है। त्रिपाठी के मुताबिक, ड्राइवर से पूछताछ में पता चला है कि ट्रेन के इंजन से कोई बड़ा पत्थर आ टकराया, जिससे संभवतः यह हादसा हुआ।
फर्रुखाबाद रूट पर कालिंद्री एक्सप्रेस पलटाने की साजिश
प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंद्री एक्सप्रेस को रविवार रात करीब आठ बजे बर्राजपुर- बिल्हौर स्टेशन के बीच स्थित मुडेरी गांव की क्रासिंग के पास ट्रैक पर सिलेंडर रखकर पलटाने की कोशिश की गई। तेज रफ्तार ट्रेन से टकराने के बाद सिलेंडर करीब 50 मीटर दूर जा गिरा। चालक ने ट्रेन रोक दी। ट्रेन वहां करीब 20 मिनट तक खड़ी रही। चालक ने क्रासिंग पर तैनात गेटमैन को मामले की जानकारी दी। इसके बाद रेलवे और पुलिस अधिकारियों को घटना से अवगत कराया गया। आनन फानन में मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को वहां पेट्रोल भरा बोतल, माचिस और झोले में बारूद मिला। पास स्थित झाड़ियों में लोगों के बैठने के निशान भी मिले। फोरेंसिक की टीम ने वहां जांच की।