श्रावस्ती: 13 साल पुराने दोहरे हत्याकांड मामले में दोषी दो भाइयों को आजीवन कारावास
श्रावस्ती। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती की एक अदालत ने 13 वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 70-70 हजार रुपये जुर्माना लगाया। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के.पी. सिंह के अनुसार 17 सितंबर, 2011 को बड़रवा गांव के निवासी नुक्के खां अपने भाई कूने खां और शमसुल हक के साथ एक मामले की सुनवाई के बाद अदालत से घर लौट रहे थे।
रास्ते में एक स्थान पर बड़रवा गांव के ही बदरूद्दीन, पप्पू, अबरार, मेराजुद्दीन और शमसुद्दीन ने नुक्के खां और भाई कूने खां की तलवार से गला काटकर हत्या कर दी और उनका सिर काट दिया। सिंह ने कहा, “हमले में बचे शमसुल हक ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। नुक्के खान के बेटे ने पांच संदिग्धों को खिलाफ मामला दर्ज कराया। बाद दिन बाद भाइयों के सिर बरामद हुए।” पांच में से तीन आरोपी बदरुद्दीन, पप्पू और अबरार को जनपद न्यायाधीश द्वारा पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।
अधिकारी ने कहा, “शमसुद्दीन और मेराजुद्दीन अदालत में पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे। घटना के कुछ साल बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया था।” सिंह ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (प्रथम) अमित कुमार प्रजापति की अदालत ने शुक्रवार को शम्सुद्दीन और मेराजुद्दीन को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई और जुर्माना लगाया।
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