हल्द्वानी: दवा से हो दुष्प्रभाव तो इस टोल फ्री नंबर पर करें संपर्क, फार्माकोलॉजी विभाग करेगा आपकी मदद

हल्द्वानी: दवा से हो दुष्प्रभाव तो इस टोल फ्री नंबर पर करें संपर्क, फार्माकोलॉजी विभाग करेगा आपकी मदद

हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज में फार्मा-को विजिलेंस सप्ताह 17 से 23 सितंबर तक मनाया जाएगा। फार्माकोलॉजी विभाग ने दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर लोगों के लिए जारी टोल फ्री नंबर की भी जानकारी दी। 
प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने कहा कि दवाइयों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों पर शीघ्र ही अपने चिकित्सक को बताना चाहिए, जिससे सही समय पर उपचार हो सके और जोखिम से बचाया जा सके।

एमएस डॉ. जीएस तितियाल ने सभी चिकित्सकों को दवाइयों के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक रहने और उनकी रिपोर्टिंग करने को कहा। फार्माकोलॉजी विभाग की डॉ. रीना भारद्वाज ने बताया कि दवाइयों से दुष्प्रभाव के मामले को रिपोर्ट कर इंडियन फार्माकोपिया कमीशन को भेजा जाता है और वहां से कई दवाई के उपयोग के बारे में समय-समय पर चेतावनी भी जारी की जाती है। डॉ. कुणाल शर्मा, डॉ. शुजाउद्दीन, डॉ. नीरज आदि ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की दवा, टीका, इंजेक्शन, सीरप, मलहम आदि का सेवन करता है, जिसके बाद अगर यह लक्षण दिखे जैसे शरीर पर चकत्ते, दाने, चक्कर आना, बार-बार उल्टी होना, भूख न लगना, बेचैनी होना, नींद न आना आदि प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया होती है तो वह इसकी जानकारी डॉक्टर को दे।

डॉ. अंकिता और डॉ. कल्पना ने एडीआर रिपोटिंग करने की विधि को विस्तारपूर्वक बताया व दवाइयों के दुष्प्रभाव होने पर टोल फ्री नम्बर 18001803024 पर संपर्क किया जा सकता है। इस दौरान डॉ. साधना अवस्थी, डॉ. उमेश, डॉ. रीना भारद्वाज, डॉ. हरिशंकर पांडे आदि रहे। 

ताजा समाचार

आइफा में प्रस्तुति देंगी नोरा फतेही, बोलीं-सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए इंतजार नहीं कर सकती
गदरपुर: सरकारी स्कूल के शिक्षक ने छात्रा को बुरी तरह पीटा
कासगंज : हंगामें में बदली हड़ताल, आमने सामने आए सफाई कर्मी और चेयरमैन
Auraiya News: घर में घुसकर किशोरी के साथ छेड़खानी के दोषी को पांच वर्ष की कैद...कोर्ट ने 25 हजार जुर्माना भी लगाया
सिंघल फाउंडेशन असहाय लोगों को निशुल्क देगा कृत्रिम अंग : पांच दिवसीय शिविर में 500 दिव्यांगों को वितरित होगें कृत्रिम अंग 
शिक्षक भर्ती मामले में सरकार को जवाब देने के लिए हाईकोर्ट ने दिया तीन माह का समय