पीलीभीत: कर्मचारियों के निलंबन के बाद हंगामा, हड़ताल पर गए सफाईकर्मी

लापरवाही पर सफाई नायक समेत चार कर्मियों का किया गया है निलंबन

पीलीभीत: कर्मचारियों के निलंबन के बाद हंगामा, हड़ताल पर गए सफाईकर्मी

पीलीभीत, अमृत विचार। ब्रह्मचारी घाट पर बनाए गए अस्थायी जलाशय की पॉलिथीन हटाने के मामले में लापरवाही पर सफाई नायक समेत चार कर्मियों का निलंबन किए जाने से मामला तूल पकड़ने लगा है। कर्मचारी नेता भड़क गए और गुरुवार को संगठन के आह्वान पर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। दिन भर शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहे। कर्मचारी जुलूस निकालकर नगरपालिका कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन दिया। जिसमें निलंबन वापस करने और अभद्र टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग उठाई। सिटी मजिस्ट्रेट ने तीन दिन में जांच कराकर समाधान करने का आश्वासन दिया है। हालांकि कर्मचारी अभी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि  जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी। वह काम पर वापस नहीं लौटेंगे।

बता दें कि शहर के ब्रह्मचारी घाट पर स्थित देवहा नदी के पास विसर्जन करने के लिए अस्थायी जलाशय बनाया था। मूर्ति विसर्जन के बाद बप्पा की प्रतिमा को निकालकर वहां से पॉलिथीन हटा दी गई थी। इस पर लोगों ने नगरपालिका के खिलाफ हंगामा किया था। सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया था। इसके बाद नगरपालिका के अधिकारी सख्त हुए और वार्ड नंबर 15 के सफाई नायक श्यामा चरण, सफाई कर्मचारी दिलीप, मुकेश और सलीम को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद एक युवक ने सोशल मीडिया पर नगरपालिका के खिलाफ पोस्ट वायरल कर दी। गुरुवार को जब इसकी भनक लगी तो कर्मचारियों में रोष दिखा। इसकी निंदा करते हुए उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष मुकेश वाल्मीकि  के नेतृत्व में शहर में सफाई व्यवस्था ठप कर कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। सुबह दस बजे समस्त कर्मचारी नगरपालिका कार्यालय में एकत्र हुए। जहां कर्मचारियों ने सफाई कर्मचारियों के प्रति हीन भावना रखने वाले लोगों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

सीओ और ईओ के मनाने पर भी नहीं माने
हड़ताल की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर और ईओ लाल चंद भारती मौके पर पहुंचे। जहां संगठन के लोगों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया कि सफाई कर्मचारी दिन रात मेहनत करके शहर को स्वच्छ बनाने का काम करते हैं, लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। संगठन ने मांग करते हुए कहा कि निलंबित कर्मचारियों को बहाल किया जाए। साथ ही सोशल मीडिया पर नगर पालिका और कर्मचारियों अभद्र टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई की मांग उठाई। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें समाधान कराने की बात कहते हुए हड़ताल समाप्त करने के लिए कहा। लेकिन कर्मचारी नेता इस बात पर तैयार नहीं हुए। सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से मामले की जांच करने के लिए ज्ञापन एसपी को भेज दिया गया है। इधर, दिन भर नगरपालिका में कर्मचारी अपना डेरा जमा रहे।

कुछ सभासदों ने भी दिया समर्थन
नगरपालिका पर अभद्र टिप्पणी का विरोध कर रहे सफाई कर्मचारी के पक्ष में नगरपालिका के कुछ सभासदों ने भी अपना समर्थन दे दिया। इतना ही नहीं वह कर्मचारियों संग धरने में भी शामिल हुए। धरना प्रदर्शन में सभासद साकेत सक्सेना, निर्मल सिंह, वतनदीप मिश्रा समेत कई अन्य सभासद और कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कर्मचारी शहर को स्वच्छ रखने का काम करता है। इस तरह की टिप्पणी करना अशोभनीय है। इस मामले में कार्रवाई होना चाहिए।