फ्रांस का मिलकर विरोध करेंगे शिया और सुन्नी: डा. अली जादा

बरेली, अमृत विचार। ईरान सरकार के काउंसलर डा. अली जादा सोहेब सोमवार को नबीरे आला हजरत और मौलाना तौकीर रजा के आवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने दरगाह आला हजरत पर हाजिरी दी। इस दौरान दोनों के बीच इस्लाम को लेकर फ्रांस के रवैये पर चर्चा हुई। मौलाना तौकीर रजा ने मीडिया …
बरेली, अमृत विचार। ईरान सरकार के काउंसलर डा. अली जादा सोहेब सोमवार को नबीरे आला हजरत और मौलाना तौकीर रजा के आवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने दरगाह आला हजरत पर हाजिरी दी। इस दौरान दोनों के बीच इस्लाम को लेकर फ्रांस के रवैये पर चर्चा हुई।
मौलाना तौकीर रजा ने मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दहशतगर्दी के खिलाफ फ्रांस की हिमायत की लेकिन पैगंबर की शान में गुस्ताखी करना या किसी की धार्मिक भावनाओं को भड़काना भी दहशतगर्दी के दायरे में आना चाहिए। इसके अलावा फ्रांस की घटना की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी मुसलमान नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेगा।
ईरान सरकार के कल्चर हाउस के काउंसलर अली जादा ने कहा कि फ्रांस ने पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी कर दहशतगर्दी का काम किया है। इस दहशतगर्दी के खिलाफ शिया और सुन्नी मुसलमान एक हैं। उन्होंने आगे कहा कि ईरान सरकार का तालमेल फ्रांस से ठीक रहा है, मगर जब बात पैगंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी की आती है तो इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मौलाना तौकीर और अली जादा के बीच बातचीत में यहीं निष्कर्ष निकला है कि शिया और सुन्नी मुसलमान फ्रांस की घटना को बर्दाश्त नहीं करेगा। मौलाना तौकीर ने कहा कि फ्रांस मसले पर प्रधानमंत्री को भी खिलाफत करनी चाहिए। जज्बात भड़काना भी दहशतगर्दी में आता है।
तोहफे में बरेली का सुर्मा और इस्लामिक किताबें दीं
अली जादा ने बरेली आने के दो मकसद बताए। पहला, भारत आने से पहले उन्होंने आला हजरत के बारे में बहुत सुना था। यहां आने पर उनकी इच्छा थी कि दरगाह पर हाजिरी देकर मौलाना तौकीर रजा खां से मुलाकात की जाए। दूसरा मकसद शिया, सुन्नी के बीच दावत-ए-इत्तेहाद का था। जाते समय वह बरेली के तोहफे के तौर पर सुर्मा और इस्लामिक किताबें भी अपने साथ ले गए।