गोशाला से पशु लेकर गोपालक बनना महंगा पड़ा 

गोशाला से पशु लेकर गोपालक बनना महंगा पड़ा 

सोहावल, अयोध्या/ अमृत विचार। गोशाला से पशु लेकर गोपालक बनना लगभग 30 ग्रामीणों को मंहगा पड़ गया। पिछले 11 महीने से इन्हे संरक्षण राशि शासन से नहीं मिली। अब दुबारा इन पशुओं को गोशाला भेजने की तैयारी में है। 

विकास खंड की गोशाला कुंदुरखा खुर्द से रन बहादुर सिंह, दशरथ कुमार सिंह आदि लगभग तीस ग्रामीणों ने दो साल पहले पशु लेकर गो पालक बनने की राह पकड़ी थी। इन्हे संचालकों द्वारा लिखा पढ़ी में अच्छे अच्छे पशु उपलब्ध करा दिए गए। प्रति दिन प्रति पशु 30 रू शासन से संरक्षण राशि मिलनी थी।

कुछ दिन धनराशि मिली लेकिन पिछले 11 महीने से धनराशि शासन से मिलना बंद हो गया। अब संरक्षण लेने वाले ग्रामीण परेशान हैं। चारा भूसा के नाम पर ढेला नहीं मिल रहा है। पशुओं को पाल पाना मुस्किल हो गया तो ग्रामीण अपने पशु वापस गोशाला को भेजने की सोच रहे है। क्षेत्रीय पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर नीरज गुप्ता  ने बताया कि गोशाला को ही संरक्षण राशि पिछले तीन महीने से नहीं मिली। पशु पालक ग्रामीणों को अंतिम किस्त मिले कई माह बीत गए। फरवरी 24 तक का बकाया भुगतान के लिए प्रपत्र भेजा जा चुका है।

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