धर्मबीर ने एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर क्लब थ्रो में जीता स्वर्ण पदक, सूरमा ने रजत पदक पर किया कब्जा
पेरिस। क्लब थ्रोअर धर्मबीर ने बुधवार को एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक और प्रणव सूरमा ने रजत पदक जीतकर यहां पैरालिंपिक की पुरुषों की एफ51 स्पर्धा में भारत का दबदबा कायम किया। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रहे सोनीपत के धर्मबीर (35) ने चार प्रयासों में फाउल करने के बाद पांचवें प्रयास में 34.92 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक पक्का कर लिया।
The exceptional Dharambir creates history as he wins India’s first ever Paralympic Gold in Men’s Club Throw F51 event at the #Paralympics2024! This incredible achievement is because of his unstoppable spirit. India is overjoyed by this feat. #Cheer4Bharat pic.twitter.com/bk7seJX1fV
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2024
Congratulations to Pranav Soorma for winning the Silver medal in the Men's Club Throw F51 at the #Paralympics2024! His success will motivate countless youngsters. His perseverance and tenacity are admirable. #Cheer4Bharat pic.twitter.com/TMkLKwQJ2g
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2024
इसके बाद, सूरमा ने अपने पहले प्रयास में 34.59 मीटर का थ्रो किया, लेकिन फरीदाबाद का यह 29 वर्षीय खिलाड़ी, धरमबीर को पीछे नहीं छोड़ सका। सूरमा के रजत पदक जीतने के साथ ही भारत ने इस मुकाबले के पहले दो स्थानों पर कब्जा कर लिया। सूरमा की रीढ़ की हड्डी में 16 वर्ष की उम्र में उस समय चोट लग गई थी, जब उनके सिर पर सीमेंट शीट गिर गई थी। सर्बिया के फिलिप ग्राओवाक ने अपने दूसरे प्रयास में 34.18 मीटर का थ्रो कर कांस्य पदक जीता।
What a monumental achievement by Pranav Soorama!
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 5, 2024
Claiming the first-ever Silver medal for Bharat in the Men’s Club Throw F51 at the Paralympics he has thrown open the doors of possibility for every aspiring athlete.
Your victory is not just a medal—it’s a symbol of perseverance… pic.twitter.com/WV1Pd5SrlI
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