केले की उपज में UP के किसान महाराष्ट्र को दे रहे टक्कर, खेती के विभिन्न रूप देखकर खुश हुईं कृषि उत्पादन आयुक्त

किसानों को दी सलाह, नई तकनीक अपनाकर बढ़ाएं आय

केले की उपज में UP के किसान महाराष्ट्र को दे रहे टक्कर, खेती के विभिन्न रूप देखकर खुश हुईं कृषि उत्पादन आयुक्त

सतरिख/मसौली/बाराबंकी, अमृत विचार। एक दिवसीय भ्रमण पर बाराबंकी आईं कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग प्रगतिशील किसान पद्मश्री रामशरण वर्मा की तकनीक से काफी प्रभावित हुईं। हाईटेक फार्म का जायजा लेते हुए उन्होंने किसानों से अपील की कि वह राम सरन वर्मा से प्रेरणा लेते हुए उनकी अपनाई तकनीक से औद्यानिक फसलों की खेती कर आय में वृद्धि करें। 

उन्होंने यहां पर किसानों से मुलाकात की और उनके फार्म पर की जा रही गतिविधियों का अवलोकन किया। श्री वर्मा द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करने के साथ ही आयुक्त ने केले की खेती में लगे फलों को देखकर उनसे केला के क्षेत्र में क्षेत्र में और अधिक कार्य करने की अपेक्षा की। इसी तरह उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों से उनके फार्म पर केला टिश्यू कल्चर लैब स्थापित करने का प्रयास करने को कहा, जिससे स्थानीय स्तर पर पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

 इसके बाद आयुक्त ने विकास खंड मसौली के ग्राम याकूतगंज में उद्यान विभाग द्वारा संचालित "पर ड्रॉप मोर क्राप" माइक्रोइरिगेशन योजना के लाभार्थी कृषक राजाराम, सुनील कुमार और चंद्रभान के खेत पर लगे मिनी स्प्रिंकलर संयंत्र का स्थलीय निरीक्षण भी किया। लाभार्थी कृषक से बातचीत करते हुए उन्होंने जानकारी प्राप्त की कि इस सिंचाई संयंत्र की स्थापना में उनका कितना पैसा लगा, और उन्हें कितना अनुदान मिला है, जिस पर लाभार्थी कृषक राजाराम ने बताया कि हम तीन लोगों को मिलाकर कुल 24644 रुपए लगे हैं, वहीं प्रदेश सरकार की तरफ से इस पर 197288 रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ।

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लाभार्थी ने बताया कि इससे जहां पानी की बचत हो रही, वहीं दूसरी ओर फसल की नियमित सिंचाई होने पर पौधों की बढ़वार में एकरूपता भी परिलक्षित हो रही है। आयुक्त ने अन्य किसानों से भी ड्रिप, स्प्रिंकलर सिंचाई के बारे में और केला की खेती के बारे में बातचीत की। मीनापुर ग्राम के किसान सुनील वर्मा ने बताया कि वह ड्रिप सिंचाई पद्धति से स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं, आधा एकड़ से हुई शुरूआत आज 5 एकड़ तक पहुंच गई है।

कृषि उत्पादन आयुक्त यहां से रामनगर विकास खंड के ग्राम बेरिया में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनांतर्गत स्थापित पाली हाउस का निरीक्षण किया, वहां पर जरबेरा की खेती पॉलीहाउस में की जा रही है। लाभार्थी कृषक संदीप वर्मा, राकेश कुमार, सुमित और पालीहाउस में जरबेरा की खेती के जनक कहे जाने वाले मोइनुद्दीन से उन्होंने बातचीत कर इस योजना के लाभ के बारे में जानकारी ली। यहां पर एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के केला की खेती, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, गेंदा फूल की खेती करने वाले किसान भी उपस्थित रहे।

बिशुनपुर के दुर्गेश मौर्य ड्रैगन फ्रूट का फल , केला की खेती करने वाले किसान रामनगर के पंकज शर्मा अपने साथ एक केले के घार लेकर आए थे जो लगभग 40 किलो का था, जिसे देखकर कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि हमारे प्रदेश के किसान आज कितने आगे बढ़ चुके हैं जो एक पेड़ के एक केले के पौधे से 40 किलो तक का उपज प्राप्त कर रहे हैं और महाराष्ट्र के केले को टक्कर दे रहे हैं। इस दौरान मोइनुद्दीन ने आयुक्त से अनुरोध किया कि अगर इस लागत में कुछ बढ़ोतरी होकर सब्सिडी अधिक मिले तो किसानों को फायदा और अधिक फायदा होगा।

इस दौरान शासन के विशेष सचिव उद्यान, ओ.पी. वर्मा, उद्यान निदेशालय से नोडल अधिकारी बागवानी मिशन योजना पंकज शुक्ला, माइक्रोइरिगेशन योजना के सहायक नोडल कौशल कुमार नीरज और मंडल के उपनिदेशक उद्यान गीता त्रिवेदी सहित जनपद स्तर से मुख्य विकास अधिकारी अ. सुदन, नवाबगंज के उप जिलाधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जगत साईं, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट काव्या सी और रामनगर के उप जिलाधिकारी पवन कुमार, उपकृषि निदेशक श्रवण कुमार, जिला कृषि अधिकारी राजित राम और जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

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