सुलतानपुर: जानलेवा हमले के तीन दोषियों को 10 साल की सजा, लगा इतने का जुर्माना

जामो के बड़ौदा बैंक के पास दिनदहाड़े 14 साल पूर्व सिरखिनी निवासी अवधेश नारायण सिंह गौड़ पर तमंचे से फायर कर जानलेवा हमले का था आरोप 

सुलतानपुर: जानलेवा हमले के तीन दोषियों को 10 साल की सजा, लगा इतने का जुर्माना

सुलतानपुर , अमृत विचार। मुसाफिरखाना के जामो बड़ौदा बैंक के पास दिनदहाड़े में 14 साल पूर्व सिरखिनी निवासी अवधेश नारायण सिंह गौड़ पर तमंचे से फायर कर जानलेवा हमले के मामले में जिला जज जय प्रकाश पांडेय ने तीन आरोपियों रणविजय सेन, कुलदीप और उदय प्रताप को दोषी पाते हुए 10 साल की सजा सुनाकर जेल भेज दिया । कोर्ट ने दोषियों पर कुल 78 हजार रुपए अर्थदण्ड भी लगाया है। 

वहीं आरोपियों को शरण देने और षडयंत्र रचने के तीन आरोपियों केदारनाथ, हरिनंदन और शिवनंदन को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है। अभियोजन के मुताबिक आरोपियों ने 8 मार्च 2010 को जामो बड़ौदा बैंक के पास तमंचे से गोली मारकर अवधेश नारायण को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घटना में  केस दर्ज होने के पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय भेजा था। 

कोर्ट ने तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया जबकि जामों थानाक्षेत्र के सिरखिनी निवासी आरोपीगण रणविजय सेन उर्फ दिनेश, कुलदीप और उदय प्रताप को अभियोजन पक्ष के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए 10 -10  साल की सजा सुनाकर जेल भेज दिया। कोर्ट ने तीनो दोषियों में प्रत्येक को आर्म्स एक्ट में एक साल एक हजार रूपए अर्थदंड की भी सजा सुनाई।

हर्ष फायरिंग के मामले में दरोगा तलब
हर्ष फायरिंग के उल्लंघन के आरोप में इसौली के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व उनकी जिला पंचायत सदस्य बहन अर्चना सिंह के मामले में शुक्रवार को अभियोजन गवाह तत्कालीन दरोगा मातादीन को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने चार सितंबर को तलब किया है।  14 जून 2021 को अर्चना सिंह के हर्ष फायरिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद धनपतगंज थाने के दरोगा सुशील कुमार ने अर्चना सिंह पर मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना में सोनू सिंह का नाम भी सामने आया और दोनों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। 

भूमि विवाद में उच्च स्तरीय जांच की मांग, डीएम को जांच के निर्देश
तहसील गौरीगंज के ग्राम पण्डरी निवासी शिव बहादुर पाण्डेय ने अपनी भूमि विवाद के समाधान में हो रही देरी और अधिकारियों की निष्क्रियता के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। पाण्डेय का आरोप है कि स्थानीय लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने अपने पद का दुरुपयोग कर उन्हें उनके हिस्से की जमीन पर कब्जा दिलाने में असफल रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों की आर्थिक क्षति हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।जिस पर मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी ने डीएम अमेठी को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

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