बाराबंकी वन विभाग की टीम के शिकंजे में आएंगे आदमखोर भेड़िये, बहराइच में ऑपरेशन भेड़िया के नोडल हैं जिले के DFO

बाराबंकी वन विभाग की टीम के शिकंजे में आएंगे आदमखोर भेड़िये, बहराइच में ऑपरेशन भेड़िया के नोडल हैं जिले के DFO

बाराबंकी, अमृत विचार। पड़ोसी जनपद बहराइच में आंतक मचा रहे आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए जिले के प्रभागीय सहायक वन निदेशक व उनकी नौ सदस्यी टीम पिछले तीन दिनों से बहराइच जिले में डेरा डाले हुए हैं। बताया जा रहा है कि एक आदमखोर भेड़िये को पकड़ा भी है। प्रदेश सरकार ने खूंखार भेड़ियों को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन भेडि़या का नोडल अधिकारी भी जिले के इन्हीं डीएफओ को बनाया गया है। इनके साथ जिले के नौ विभागीय अधिकारी व कर्मचारी पूरी मुस्तैदी के साथ डटे हैं। 

बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक पिछले कई दिनों जारी है। महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िये ने हरदी थाना क्षेत्र निवासी रीता देवी, मासूम अयांश को अपना निवाला बनाया था। वहीं कईयों को गंभीर रुप से घायल कर दिया। इसके बाद से क्षेत्र में दहशत कई गुना बढ़ गई। इसके अलावा कई अन्य को भी अपना निशाना बनाया था। आदमखोर बने भेड़ियों को पकड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने भारी पुलिस बल के साथ कई जिलों की विभागीय टीम की तैनाती कर भेड़ियों को पकड़ने में लगाया है। 

वहीं जिले के प्रभागीय सहायक वन निदेशक (डीएफओ) आकाशदीप वधावन को बतौर नोडल अधिकारी के रुप में नामित कर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उनके साथ जिले के नौ विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम लगाई गई है। इनमें रेंजर के साथ वन निरीक्षक आदि शामिल हैं। श्री वधावन की निगरानी में पूरा ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पिछले तीन दिनों से महसी क्षेत्र के जंगल में डेरा डालकर भेड़ियों को पकड़ने में लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि एक खूंखार आदमखोर भेड़िये को पकड़ा भी है।

बहराइच के जंगलों से हैं वाकिफ
डीएफओ आकाश वधावन यहां से पहले बहराइच जिले में ही तैनात थे। वह पूरे वन क्षेत्र के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। वह जंगली जानवरों के हरकतों से भी भलीभांति परिचित हैं। यही वजह है कि आंतक का पर्याय बने खूंखार आदमखोर भेडि़यों को पकड़ने की अहम जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने डीएफओ आकाश वधावन को दी है। वह करीब तीन-चार साल तक बहराइच जिले के डीएफओ रहे हैं।

जिले में नहीं हैं एक भी भेड़िया
हर पांच साल पर शासन के निर्देश पर वन विभाग द्वारा जिले में जंगली जानवरों की गणना कराई जाती है। इस बार हुई गणना में एक भी भेड़िया जिले में नहीं है। यह विभाग और जिलेवासियों के लिए राहत की बात कही जा सकती है। हां पर तेंदुओं की संख्या जरुर रहती है। कई बार तो जिले में तेंदुए द्वारा जानवरों व आमजन पर हमला भी किया जा चुका है। हालांकि वन विभाग ने तेंदुए को दबोचा भी है।

अपने जिले के लिए लगा देंगे जान
डीएफओ आकाश वधावन से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि भेडि़ये का मूवमेंट बाराबंकी की ओर नहीं है। अगर ऐसा होता हैं तो अपने जिले के लिए जान भी लगा देंगे लेकिन फिलहाल ऑपरेशन भेड़िये को लेकर मुझे बहराइच भेजा गया है। अपनी पूरी टीम के साथ वह लगे हैं। वह बताते हैं कि बहराइच जिले के महसी क्षेत्र में भेड़ियों का आंतक अधिक रहता है। बाराबंकी के लिए ऐसी कोई बात नहीं है।

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