शाहजहांपुर : स्कूल की छत से लटक कर बच्चे कर रहे थे स्टंट, शिक्षक थे नदारद

वीडियो वायरल होने के बाद बीएसए ने लिया संज्ञान

शाहजहांपुर : स्कूल की छत से लटक कर बच्चे कर रहे थे स्टंट, शिक्षक थे नदारद

शाहजहांपुर, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा और शिक्षकों की दशा भगवान भरोसे नजर आ रही है। कुछ शिक्षकों की बजह से पूरा विभाग शर्मशार हो रहा है, इसके बावजूद मनमानी पर उतारू तथाकथित शिक्षक अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं हैं। अभी मंगलवार को ही कलान क्षेत्र के दो स्कूलों के शिक्षक गंभीर अनियमितताओं में निलंबित किए गए कि बुधवार को सिंधौली क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय का मामला सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल हुआ कि वह मुख्यमंत्री तक पहुंच गया। नतीजा यह हुआ कि बीएसए ने आनन-फानन में क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी को तत्काल मौके पर भेजकर जांच कराई। जांच में स्कूल में कोई शिक्षक मौजूद नहीं मिला। फिलहाल बीएसए ने स्कूल में नियुक्त प्रधान अध्यापक और शिक्षामित्र पर फौरी कार्यवाही करते हुए एक माह का वेतन और मानदेय रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।

बतादें कि बुधवार सुबह से ही सोशल मीडिया पर विकास खंड सिंधौली का प्राथमिक विद्यालय कीरतपुर शर्मशार किया जा रहा था। कुछ बच्चे दोपहर को करीब 12 बजे स्कूल की छत पर मस्ती करते दिख रहे थे। बिना दीवार की असुरक्षित छत से एक-दो बच्चे छज्जे पर कूद कर नीचे लटक कर पता नहीं कौन सा खेल दिखाकर स्टंट कर रहे थे। बच्चों के स्टंट वाला वीडियो शिक्षा अधिकारियों के साथ डीएम और मुख्यमंत्री को भी टैग किया गया था। इस पर बीएसए दिव्या गुप्ता ने संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय बीईओ केडी यादव को मौके पर जांच के लिए भेजा। बीईओ जब स्कूल में जांच के लिए पहुंचे तो देखा कि रसोइया स्कूल में बैठी हुई है और प्रधान अध्यापक एवं शिक्षामित्र अनुपस्थित हैं। 

बीईओ की रिपोर्ट पर बीएसए ने प्राथमिक स्कूल कीरतपुर सिंधौली के प्रधान अध्यापक धर्मेंद्र कुमार मिश्रा और शिक्षामित्र विश्वनाथ को बिना किसी सूचना के विद्यालय से अनुपस्थित रहने और अपने पदीय दायित्वों का निर्वाहन न करने, विद्यालय का शैक्षिक स्तर खराब करने के आरोप में एक माह का वेतन/मानदेय अवरुद्ध करने के आदेश जारी कर दिए। साथ ही दोनों से तीन दिन के अंदर साक्ष्यों सहित अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं है कि परिषदीय स्कूलों के सभी शिक्षक इस प्रकार की मनमानी कर रहे हों। अधिकांश शिक्षक-शिक्षिकाएं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन भी कर रहे हैं, जिसको देखते हुए बीएसए द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जा रहा है।