मुरादाबाद : नौनिहालों की जान जोखिम में डालकर स्कूल भेज रहे अभिभावक, जिम्मेदार अनजान

असुरक्षित वाहनों में मानक से अधिक स्कूली बच्चों को ढो रहे वाहन चालक

मुरादाबाद : नौनिहालों की जान जोखिम में डालकर स्कूल भेज रहे अभिभावक, जिम्मेदार अनजान

मुरादाबाद, अमृत विचार। सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाने और विभागीय बैठकों में आने के बाद भी अभिभावक अपने नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर सतर्क नहीं हो रहे हैं। चंद पैसे बचाने और खुद की सहूलियत के लिए उनकी जान जोखिम में डालकर अपने छोटे-छोटे बच्चों को असुरक्षित वाहनों में स्कूल भेज रहे हैं।

प्राइवेट कार और ई रिक्शा में स्कूली बच्चों के सफर पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार संभागीय परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी बच्चों को ऐसे वाहनों में स्कूल भेजा रहा है जो कि बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। बुधवार को दिल्ली रोड पर यातायात पुलिस ने मानक से अधिक बैठे बच्चों की एक ईको वैन को रोक लिया। जानकारी करने पर चालक ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं दिखा सका।

बुधवार को सिविल लाइंस क्षेत्र में संचालित स्कूलों के बाहर स्कूल से बच्चों को घर ले जाने के लिए मानक पूरे न करने वाले ऐसे कई वाहन खड़े मिले। जिनमें स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चे सवार हो रहे थे। संभागीय परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्रतिबंधित ई रिक्शा पर स्कूली बच्चे निर्धारित सीटों की संख्या से काफी अधिक बैठे मिले। इतना ही हाईवे पर प्रतिबंधित ई रिक्शा में भी बच्चों को भरकर फर्राटा भरा जा रहा था। वहीं कई ईको वैन भी बच्चों को स्कूल से उनके घर ले जा रही थीं। ईको वैन में सात सवारियों को ले जाने के लिए सीट होती है। जबकि इन वैन में 11- 12 बच्चों को ठूंसकर बैठाया जा रहा है। वैन में पीछे दोनों सीटों के बीच एक बेंच डालकर बच्चों को बैठाया जा रहा है। जबकि ड्राइवर के पास वाली सीट पर दो बच्चे बैठे रहते हैं।

 दिल्ली रोड पर एक ईको वैन को पार्श्वनाथ प्लाजा के पास चेकिंग कर रहे ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने रोक लिया। पुलिसकर्मी ने चालक से उसका ड्राइविंग लाइसेंस मांगा तो वहा अपना लाइसेंस नहीं दिखा पाया। हालांकि मौके पर उसकी वैन का चालान कर दिया गया। ऐसे में अभिभावकों को भी अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूक और गंभीर होना पड़ेगा। जिला विद्यालय निरीक्षक के द्वारा स्कूल प्रबंधन कमेटी पर सख्ती करने के बाद अभिभावकों की मीटिंग में बच्चों को वाहनों में भेजने के लिए स्कूल की ओर से अभिभावकों से लिखित रूप में शपथ पत्र भी लिया जा चुका है। इसके बावजूद अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरूक नहीं हो रहे हैं।

विभाग की ओर से कई स्कूलों में बैठक कर स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा के लिए समझाया गया है। किसी अभिभावक का घर सड़क से 100 से 200 मीटर अंदर है तो वह बच्चों को बाहर सड़क पर खड़ी स्कूल बस तक छोड़ने का आलस्य कर जाते हैं। छोटे और असुरक्षित वाहन, ई रिक्शा कम पैसे में उनके घर से बच्चे लेकर वापस घर तक छोड़ते हैं। इसको देखते हुए कई अभिभावक ऐसे असुरक्षित वाहनों में अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। हालांकि किसी दिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।- प्रणव झा, आरटीओ प्रवर्तन

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