मुरादाबाद: प्रेमिका के साथ मिलकर हनी ट्रैप में फंसाया, फिर की थी रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या

रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या के मामले में महिला शिक्षिका समेत 3 गिरफ्तार

मुरादाबाद: प्रेमिका के साथ मिलकर हनी ट्रैप में फंसाया, फिर की थी रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद पुलिस ने रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या का खुलासा करते हुए बताया है कि आरोपियों ने हनी ट्रैप में फंसा कर बैंक मैनेजर की गला दबाकर हत्या कर दी थी, जिस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इनके पास से एक कार भी बरामद की है।

दरअसल घटना एक सप्ताह पूर्व उस समय सामने आई थी जब थाना मैनाठेर इलाके से एक व्यक्ति का संदिग्ध हालत में शव बरामद हुआ था। बाद में जिसकी पहचान थाना मझौला इलाके की मानसरोवर कॉलोनी निवासी वीर सिंह के रूप में हुई थी। उसी वक्त मृतक के पीरिजनों ने हत्या की आशंका के चलते अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की। इसके बाद पुलिस ने इस घटना का खुलासा करने के लिये 5 टीमें गठित करते हुए सीसीटीवी और मोबाइल सर्विलांस की मदद से आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी देहात संदीप मीणा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि मृतक वीर सिंह बैंक से रिटायर्ड थे, और उन्हीं के साथ काम करने वाले मनोज के बीच लोन दिलाने के दौरन दोनों में विवाद चल रहा था, जिसके बाद वीर सिंह ने मनोज की शिकायत बैंक के उच्च अधिकारियों को की हुई थी। जिससे बचने के लिए मनोज ने वीर सिंह को ही रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया और वीरबाला नाम की एक महिला शिक्षका और अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर हनी ट्रैप से वीर सिंह को फंसा लिया और अपने साथी अनिल के साथ मिलकर वीर सिंह को बहाने से हाइवे पर बुला लिया जहां पर तीनों ने मिलकर वीर सिंह की गला दबा कर हत्या कर दी थी।

लिवइन में साथ रहते थे मनोज और वीरबाला 
वीरबाला यादव पाकबड़ा में शिक्षिका के पद पर तैनात है। एक साल पहले उसके पति की मृत्यु हो गई थी, दो बच्चे हैं। पति ने 2015 में बैंकों से कर्ज ले रखा था। इसलिए उसकी पूरी सैलरी बैंक की ईएमआई में कट जाती थी। इसी दौरान वह प्रथम बैंक में लोन के लिए पहुंची थी। जहां पर मनोज से उसकी मुलाकात हुई। दोनों पति पत्नी की तरह साथ रहने लगे। मनोज की पत्नी बीमारी से ग्रसित है। इसी दौरान मनोज ने वीरबाला की जान पहचान वीरसिंह से कराई थी। अनिल कार डोरेटिंग का काम करता है। मनोज और अनिल दोनों दोस्त हैं। 

पहले भी कई बार की हत्या की कोशिश
एसपी देहात ने बताया है कि हत्या से पहले दोनों ने कई बार हत्या करने की कोशिश की थी। लेकिन वारदाता को अंजाम देने में असफल रहे। 16 अगस्त को वीरसिंह के साथ एमडीए कार्यालय के बाहर से बाइक पर बैठकर वीरबाला पाकबड़ा ले गई थी। इसी दौरान तीनों ने वारदात को अंजाम दिया था।           

वीर सिंह के अंतिम संस्कार में किया रोने का नाटक
मनोज वीरसिंह की अंतिम विदाई में भी शामिल होने के लिए घर पहुंचा था। वहां पर वह फूट-फूटकर रोया। परिजनों को भी इसके बाद में भनक नहीं थी। वारदात के बाद भी कई बार मनोज मृतक वीरसिंह के घर जाता था। परिजनों से बातचीत कर वापस लौट आता था। काफी बार पहुंचा घर घटना में मनोज का हाथ होने के बाद मृतक के परिजन दंग रह गए।

पुलिस ने खंगाले 750 से 800 सीसीटीवी कैमरे 
एसपी देहात ने बताया है कि पुलिस की पांच टीमों ने दस दिन तक कड़ी मशक्कत की जिसके बाद आरोपियों तक पहुंच सकी। घटना के खुलासे के लिए पुलिस की टीमों ने हाईवे, टोल प्लाजा समेत शहर के करीब 750 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। एसओजी, सर्विलांस समेत पुलिस की पांच टीमों के सहयोग से खुलासा संभव हुआ है।

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