बाराबंकी: तटवर्ती गांवों में कटान का सिलसिला जारी, केदारीपुर गांव के 15 और मकान नदी में हो गए विलीन

खत्म होने की कगार पर गांव का अस्तित्व, पीड़ित परिवारों को किया का रहा विस्थापित

बाराबंकी: तटवर्ती गांवों में कटान का सिलसिला जारी, केदारीपुर गांव के 15 और मकान नदी में हो गए विलीन

अकील अहमद, सूरतगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। सरयू नदी का जलस्तर घटने के बावजूद तटवर्ती गांवों में कटान का सिलसिला जारी है। लोगों की कृषि योग्य जमीन के साथ मकान नदी में समा रहे हैं। बाग-बगीचे नदी में विलीन होकर न जाने कहां चले गए। रविवार को भी केदारीपुर गांव के 15 मकान नदी में विलीन हो गए। इससे गांव का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। बेलहरी गांव के पास भी नदी कटान कर आबादी की तरफ बढ़ रही है। हालांकि प्रशासन की ओर से कटान प्रभावित परिवारों को पुनः विस्थापित करने के लिए आवासीय पट्टा और राहत सामग्री दी जा रही है।

केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, रविवार शाम एल्गिन ब्रिज पर सरयू नदी का जलस्तर 106.496 मीटर रिकॉर्ड किया। यह जलस्तर चेतावनी बिंदु से 42 सेंटीमीटर ऊपर रहा था। जो दो घंटे में एक सेंटी मीटर घट रहा है। इससे धीरे-धीरे गांवों में बाद का पानी कम होने लगा है। गांवों में पानी निकलने के बाद संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

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वहीं, नदी की तेज कटान ने केदारीपुर गांव को पूरी तरह तबाह कर दिया। देखते ही देखते पिछले 72 घंटों में 42 से अधिक मकान नदी में समा चुके हैं। इन 42 घरों के 106 परिवारों को पुनः विस्थापित करने के लिए तहसील प्रशासन ने बतनेरा, हरक्का व अटहरी गांव के पास 25 बीघे भूमि चिंहित की है। कटान प्रभावित परिवारों को आवासीय पट्टा दिया जा रहा है।

वहीं बेलहरी गांव के पास नदी की लहरें रविवार को कुछ हद तक शांत रहीं, लेकिन कटान का सिलसिला जारी रहा। बाढ़ खंड की टीम कटान रोकने के नाम पर पेड़ों की टहनियां डाल रहे थे। फिलहाल यहां कटान नियंत्रण के सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। तहसीलदार भूपेन्द्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में राजस्व टीम ने पंडितपुरवा स्थित बाढ़ राहत केन्द्र पर बल्लोपुर, माधवपुरवा और चौधरीपुरवा सहित कई बाढ़ प्रभावित गांवों के 650 परिवारों को राहत सामग्री दी। 

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अधर में बहुप्रतीक्षित पुल की मांग, नाव से बाबा नारायण दास की समाधि पर माथा टेकने आ रहे लोग  
हेतमापुर के पास सरयू नदी में बहुप्रतीक्षित सेतु निर्माण की मांग अधर में लटकी है। करीब 15 सालों से हेतमापुर पुल निर्माण समिति के लोग शासन से सेतु निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे नदी के उस पार के लोग जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे हेतमापुर स्थित बाबा नारायण दास की समाधि पर माथा टेकने आ रहे हैं। हर बार बाढ़ पीड़ितों से मिलने आए सीएम योगी आदित्यनाथ से लोगों ने 'योगी जी दुख दूर करो, सरयू पर पुल मंजूर करो, जैसे स्लोगन के जरिए भी मांग की। पुल निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे अंबरीष अवस्थी का कहना है कि अगर सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए कुछ करना चाहती है तो सरयू नदी पर पुल की मंजूरी दे। इससे बाराबंकी, सीतापुर, बहराइच और श्रावस्ती के साथ ही नेपाल राष्ट्र तक आवागमन शुलभ होगा।

केदारीपुर गांव के 106 परिवारों को पुनः विस्थापित करने के लिए जमीन का चिंहांकन किया गया है लगातार बाढ़ और कटान की स्थिति पर नजर रखी जा रही है प्रभावित परिवारों में राहत सामग्री का भी वितरण कराया जा रहा हैं-पवन कुमार, एसडीएम, रामनगर।

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