बरेली : 22 लाख कीमत के 15 फ्रिज दिल्ली ने दिए, चार साल बाद भी उपयोग नहीं
कार्यालयों में जगह न होने की वजह से गलियारों में धूल फांक रहे आधुनिक फ्रिज
शब्या सिंह तोमर बरेली, अमृत विचार। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण( एफएसएसएआई) दिल्ली ने खाद्य पदार्थों के भरे जाने वाले सैंपल खराब न हों, इसके मद्देनजर बरेली मंडल के जिलों के लिए 15 आधुनिक फ्रीज भेजे थे। ये फ्रिज दफ्तरों के बाहर धूल फांक रहे हैं। चार साल के बाद भी एक भी फ्रिज का ठीक से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जब ट्यूलिया में मंडलीय प्रयोगशाला बन जाएगी, तब इनका इस्तेमाल हो सकेगा।
मंडल में बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर जिलों को वर्ष 2020-21 में 15 फ्रिज एफएसएसआई दिल्ली से भिजवाए गए थे। जिसमें पीलीभीत, बदायूं, शाजहांपुर को तीन-तीन फ्रिज मिले थे। बरेली को छह फ्रिज मिले थे, जिसमें से तीन फ्रिज कलेक्ट्रेट में खाद्य सुरक्षा विभाग व तीन फ्रिज कमिश्नरी में सहायक आयुक्त के दफ्तर के बाहर रखे हुए हैं। इन आधुनिक फ्रिजों की कीमत 22 लाख से ऊपर है, जिसमें प्रत्येक फ्रिज लगभग डेढ़ लाख रुपये का है। इनका इस्तेमाल चार सालों में न के बराबर हुआ है। कमिश्नरी में रखे तीन में से एक फ्रिज का थोड़ा बहुत इस्तेमाल पानी रखने के लिए किया जा रहा है।
सहायक आयुक्त खाद्य संदीप कुमार चौरसिया ने बताया कि ये फ्रिज आधुनिक हैं, जो चार साल पहले दिल्ली से भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से सभी मंडलों में दिए गए थे। उस दौरान मंडल को 15 फ्रिज मिले थे। इनका इस्तेमाल बायोलॉजिकल टेस्टिंग व सैंपल रखने के लिए किया जाना था, लेकिन विभाग के पास जगह नहीं थी, इसलिए इनका इस्तेमाल नहीं हो पाया। जल्द हाईवे किनारे गांव ट्यूलिया में विभाग की लैब और दफ्तर बनेगा, तब जैविक सैंपलिंग को सुरक्षित रखने के लिए इन फ्रिजों का इस्तेमाल किया जाएगा।
ये है इनकी खासियत
ये फ्रिज माइनस 6 तापमान पर बायोलॉजिकल सैंपल स्टोर कर सकते हैं। वर्तमान में फार्म लीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सैंपल की माइक्रो फ्लोरा फौना खराब हो जाती है। जिससे दूध व मीट का संरक्षण नहीं हो पाता है। लगभग सभी जिलों में विभाग के दफ्तर में जगह कम होने की वजह से इन फ्रिजों का इस्तेमाल नहीं होता है।
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