बदायूं: हत्या के 18 साल पुराने मामले में पिता-पुत्र समेत तीन को आजीवन कारावास

न्यायाधीश ने सुनाया फैसला, तीनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपये लगाया जुर्माना

बदायूं: हत्या के 18 साल पुराने मामले में पिता-पुत्र समेत तीन को आजीवन कारावास

बदायूं, अमृत विचार। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट रिंकू जिंदल ने हत्या के लगभग 18 साल पुराने मामले में पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को दोषी माना है। तीनों दोषियो को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 

अभियोजन कथानक के अनुसार गांव गेहट निवासी राजेंद्र सिंह ने थाना जरीफनगर पुलिस को 17 नवंबर 2006 को तहरीर देकर बताया था कि सुबह लगभग 11 बजे पड़ोस में रहने वाले पड़ोसी सोमवीर पुत्र मोहकम, मोहकम पुत्र उल्फत सिंह, पप्पू पुत्र चौबे सिंह, कलक्टर सिंह पुत्र उल्फत से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। उन लोगों ने गाली-गलौज शुरू कर दी। राजेंद्र सिंह ने गाली देने का विरोध किया था। इसी बात को लेकर सभी लोगों ने मेरे राजेंद्र सिंह के पिता जयराम सिंह पुत्र कल्लू को मकान के सामने सड़क पर घेर लिया। सोमवीर ने जान से मारने की नीयत से बंदूक से गोली चला दी। जिससे जयराम सिंह की मौत हो गई। ग्रामीणों के आने पर सभी आरोपी जंगल की तरफ फायर करते हुए भाग गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके मामले की विवेचना की। साक्ष्यों को संकलित करके हरपाल के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। बाद में कोर्ट ने धारा 319 के अंतर्गत आदेश करके अभियुक्त सोमवीर, उसके पिता मोहकम, पप्पू और कलक्टर सिंह को विचारण के लिए सीधे तलब कर लिया। तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था। न्यायाधीश ने शुक्रवार को उपरोक्त पत्रावली पर साक्ष्यों का अवलोकन करके एडीजीसी जितेंद्र सिंह, ऐश्वर्य प्रताप सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद बाप -बेटे मोहकम व सोमवीर सहित अन्य आरोपी पप्पू को सजा सुनाई है। आरोपी हरपाल और कलक्टर सिंह की मुकदमा के विचारण के दौरान मौत हो गई थी।