प्रयागराज: महिला का कलेजा निकालकर हत्या करने वाले आरोपियों का होगा नार्को टेस्ट
बिटोला के बेटे भरत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लिखित शिकायत कर न्याय की लगाई गुहार
झूंसी/प्रयागराज, अमृत विचार। थाना क्षेत्र के नीबी भत्कार गांव में बीते तीन फरवरी 2024 को कछार में हुई बिटोला देवी की हत्या का पर्दाफाश पुलिस छह महीने बाद भी नहीं कर सकी है। वहीं मृतका के बेटे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लिखित शिकायत कर झूंसी पुलिस की तफ्तीश पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उसका आरोप है कि झूंसी पुलिस ने उनके कहने के बावजूद अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज की।
मृतका के बेटे भरत का आरोप है कि गांव के ही कुछ लोगों ने मां को दबोचकर सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे मौत के घाट उतार दिया गया। उधर, झूंसी पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि ही नहीं हुई थी। झूंसी पुलिस अब संदिग्धों का नारको टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है।
क्या था मामला
थाना क्षेत्र के नीबी-भतकार गांव निवासी रामआसरे निषाद खेती-किसानी कर परिवार का पेट पालता है। उसे एक बेटी सोना और बेटा भारत निषाद है। तीन फरवरी की दोपहर तकरीबन तीन बजे राम आसरे की 45 वर्षीय पत्नी बिटोली देवी गंगा के कछार की ओर सरपत काटने गई थी। तकरीबन इसी वक्त भारत अपने पिता राम आसरे के साथ खेत में गेंहू की सिंचाई करने गया था। तकरीबन सात बजे पिता-पुत्र तो घर लौट आए लेकिन बिटोला वापस नहीं आई। इसके बाद पिता-पुत्र देर रात तक उसकी तलाश करते रहे लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।
इसी बीच अगले दिन सुबह तकरीबन सात बजे गंगा के कछार में ग्रामीणों ने महिला का बालू में आधा दबा हुआ शव देखा तो कोहराम मच गया। हत्यारों ने धारदार हथियार से बिटोला की नृशंस हत्या कर दी थी। उसका कलेजा भी निकाल लिया गया था। वारदात के छह माह बाद भी हत्या का खुलासा नहीं हो सका है। इसी बीच बिटोला के बेटे भरत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
उसका आरोप है कि गांव के ही पिता और उसके दो बेटों ने मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बाद में धारदार हथियार से नृशंस हत्या कर दी। साथ ही उसके शरीर पर पडे गहने भी लूट ले गए। बाद में उसके शव को बालू में गाड़ दिया गया। बिटोला के बेटे भरत का आरोप है कि एसओ झूंसी उपेंद्र प्रताप सिंह व चौकी इंचार्ज चमनगंज संतोष कुमार सिंह व अभिषेक सिंह ने उससे कई कागजों पर जबरन अंगूठा लगवा लिया। हम लोगों ने जिनके नाम बताए, उनके खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। आरोप लगाया कि जांच के नाम पर मुझे और पिता को थाने के लॉकअप में बंदकर प्रताड़ित किया गया।
पुलिस पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। जल्द ही संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराया जाएगा। तब जाकर सही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आएंगे और घटना का खुलासा होगा-उपेंद्र प्रताप सिंह, थाना प्रभारी, झूंसी