चित्रकूट में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बोले- जियोपार्क के लिए हर तरह का सहयोग करेंगी यूपी व एमपी की सरकारें

चित्रकूट में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बोले- जियोपार्क के लिए हर तरह का सहयोग करेंगी यूपी व एमपी की सरकारें

चित्रकूट (सीतापुर), अमृत विचार। जियोपार्क की संभावनाओं को टटोलने की मंशा से हुई तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन शनिवार को समापन हो गया। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जियोपार्क के लिए उप्र और मप्र की भाजपा सरकारें हर तरह का सहयोग करेंगी।

कार्यशाला का उद्देश्य चित्रकूट को जियोपार्क के रूप में मान्यता प्राप्त कराने और इसके भूगर्भीय महत्व को उजागर करने के लिए जागरूकता फैलाना था। समापन अवसर पर विजयवर्गीय ने कहा कि भारत की संपदा का उपयोग कर सकें तो सैकड़ों जियोपार्क बन सकते हैं। चित्रकूट में जियोपार्क बनने से विश्व को न केवल क्षेत्र की भौगोलिक संपदा के बारे में जानकारी होगी बल्कि सतत विकास शिक्षा और संरक्षण के माध्यम से चित्रकूट विश्व के मानचित्र पर आएगा। 

उन्होंने कहा कि जियोपार्क के रूप में मान्यता मिलने से न केवल क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। यूनेस्को के प्रतिनिधि बेंनो बोअर ने कहा कि चित्रकूट का भूगर्भीय इतिहास और उसकी अद्वितीय विशेषताएं इसे जियोपार्क के लिए उपयुक्त बनाती हैं। उन्होंने बताया कि यूनेस्को की ओर से ऐसे स्थानों को पहचान मिलती है, जो न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होते हैं बल्कि पर्यटन और शिक्षा के दृष्टिकोण से भी लाभकारी होते हैं। 

बेंनो बोअर ने आशा जताई कि चित्रकूट जल्द ही विश्व मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण जियोपार्क के रूप में उभरेगा। मध्य प्रदेश की नगरीय विकास राज्यमंत्री प्रतिमा बांगरी ने भी सरकार के सहयोग की बात कही। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने शिक्षा और अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जियोपार्क की मान्यता से क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों को नई दिशा मिलेगी। इससे उत्तर प्रदेश एवं मध्य  प्रदेश दोनों राज्यों के लोगों को लाभ प्राप्त होगा। 

समापन समारोह के दौरान विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने चित्रकूट की जियोपार्क मान्यता के लिए किए गए अध्ययन और कार्यों की जानकारी दी और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। सभी इस बात पर एकजुट नजर आए कि चित्रकूट जियोपार्क का प्रस्ताव भेजा जाए। यह पार्क क्षेत्र के विकास और संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। संचालन प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डा. अश्वनी अवस्थी ने किया। कार्यक्रम में डा. सतीश त्रिपाठी, मुकुंद शर्मा, अनिल साहू, पीपी शर्मा एवं डा आलोक पांडेय सहित लगभग 140 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

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