शाहजहाँपुर: पिता-पुत्री हत्याकांड: दूसरे दिन भी जमकर हुआ विरोध, आरोपियों को कोर्ट भेजे जाने का वीडियो देखकर परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
निगोही/ शाहजहाँपुर, अमृत विचार। आदर्शनगर कॉलोनी निवासी श्रीपाल और पुत्री सरस्वती की हत्या की घटना के बाद पुलिस अधिकारियों को दूसरे दिन भी पीड़ित परिवार का विरोध झेलना पड़ा। पीड़ित परिवार के लोगों को बुधवार सुबह सात बजे से आरोपियों की गिरफ्तारी और उनका चालान कर जेल भेजे जाने की कार्रवाई के बारे में समझाने चार घंटे लग गए। सबसे अधिक पसीना सीओ सदर बीएसवीर कुमार को बहाना पड़ा। आरोपियों का चालान कर कोर्ट भेजे जाने का जब वीडियो दिखाया तब परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हुए।
पोस्टमार्टम के बाद श्रीपाल और सरस्वती के शव रात करीब एक बजे घर पहुंचे। पीड़ित परिवार के घर के पास एहतियातन पुलिस फोर्स पहले से ही मौजूद था। शवों को देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। पूरी रात परिवार के लोग सिसकियां भरते रहे और नाते-रिश्तेदार परिजनों को समझाने में लगे रहे। भोर होने पर नाते-रिश्तेदारों ने दोनों के शवों का अंतिम संस्कार किए जाने के लिए तैयारी करनी शुरू कर दी लेकिन इसी दौरान श्रीपाल के बेटे सुनील व परिवार के अन्य लोगों ने यह कह कर शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया कि जब तक हत्यारोपियों को जेल नहीं भेजा जाएगा, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
हलांकि पुलिस ने पीड़ित परिवार को समझाया कि हत्यारोपियों को मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था, बुधवार को उनका चालान कर उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है लेकिन पीड़ित परिवार मानने को तैयार नहीं था। पीड़ित परिवार आरोप लगा रहा था कि पुलिस आरोपियों को छोड़ने के विचार में है, इसलिए अभी तक चालान नहीं किया। पीड़ित परिवार के घर के बाहर बीसलपुर-निगोही मार्ग पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ लगी हुई थी।
पीड़ित परिवार के लोगों को सीओ सदर वीएसवीर कुमार ने भी बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस इस मामले में कठोर से कठोर कार्रवाई कर रही है और आरोपियों को उनके किए की सजा दिलवाने के लिए भरपूर पैरवी करेगी। इधर, जब पीड़ित परिवार का गुस्सा बढ़ता जा रहा था, तब फिर पुलिस ने सुबह करीब 9:30 बजे आरोपियों का चालान कर उन्हें कोर्ट रवाना कर दिया। वहीं पीड़ित परिवार का कहना था कि जब पुलिस आरोपियों को पकड़े हुए हैं, तो उन्हें सामने लाओ और जेल भेजो।
सीओ सदर ने जब आरोपियों का चालान कर कोर्ट भेजे जाने की पुलिस कार्रवाई का वीडियो दिखाया तब परिवार के लोग शांत हुए और पूर्वान्ह करीब 11:40 बजे अंतिम संस्कार के लिए पिता-पुत्री की अर्थियां उठाई गईं। बता दें कि श्रीपाल और उनकी बेटी सरस्वती की हत्या उनके ही छोटे भाई गुड्डू उर्फ सोहनलाल ने अपने परिवार के साथ मिलकर बुधवार सुबह सात बजे घर में घुसकर गोली मारकर कर दी थी।
रात भर मौजूद रहे अधिकारी, पड़ा रहा कई थानों का फोर्स
निगोही में दोहरे हत्याकांड की घटना के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी संवदेनशील नजर आ रहे थे, किसी भी स्थिति की आंशका के चलते सीओ सदर बीएसवीर कुमार, तिलहर नायब तहसीलदार जगत मोहन जोशी निगोही में ही रुके रहे वहीं पुवायां, सिंधौली, सदर बाजार, चौक कोतवाली, तिलहर खुदागंज का फोर्स और एक बटालियन पीएसी भी मौजूद रही।
एक साथ उठी अर्थियां तो नम हो गईं आंखें
पुलिस से विरोध जताए जाने के बाद पूर्वान्ह करीब 11:40 बजे जब श्रीपाल और उनकी बेटी सरस्वती की अर्थी एक साथ उठाई गई तो हर किसी की आंखे नम हो गई। श्रीपाल की पत्नी तारवती, बेटी सुनीता, रूबी, खुशबू पुत्रवधू विद्यावती का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। पांच वर्ष का मासूम पौत्र अंश भी परिवार वालों को रोते देख बिलख रहा था। पिता और बहन की हत्या का दर्द दिल में दबाए सुनील और हर्षित अर्थी लेकर जैसे ही चले तो तारावती बेसुध हो गई। उसे रिश्तेदारों ने संभाला। शमशान घाट पर कुछ दूरी पर पिता-पुत्री की चिता बनाई गई थी। बेटे सुनील ने पहले पिता को मुखाग्नि दी और फिर बहन को।
पुलिस की शह मिलने की वजह से किसी से भी भिड़ जाता था गुड्डू
पीड़ित परिवार ने बताया कि हत्यारोपी गुड्डू उर्फ सोहनलाल ने दो भैंस पाल रखी थी, जिनका दूध वह थाने में पहुंचाता था। आरोप है कि इसी वजह से पुलिस गुड्डू के पक्ष में खड़ी नजर आ रही थी। यही वजह रही कि सोमवार शाम चार बजे जो झगड़ा हुआ था, उसमें पुलिस ने गुड्डू के बेटे वीरेश को तो छोड़ दिया था लेकिन श्रीपाल के बेटे हर्षित को थाने में ही पूरी रात बैठाए रखा और उसे मंगलवार सुबह तब छोड़ा गया, जब विपक्षियों ने उसके पिता श्रीपाल और बहन सरस्वती की गोली मारकर हत्या कर दी।
आरोप है कि गुड्डू को पुलिस की शह मिली हुई थी,इसलिए उसके हर गलत काम को पुलिस नजर अंदाज कर रही थी और उसका हौसला लगातार बढ़ता जा रहा था। मोहल्ले के लोगों के मुताबिक गुड्डू किसी से भी जरा सी बात होने पर भिड़ जाता था। मंगलवार तड़के श्रीपाल ने ट्रक वाले मक्का की दो बोरियां खरीदने के लिए आठ सौ रुपये में सौदा तय किया था लेकिन इसी बीच गुड्डू पहुंच गया और उसने ट्रक वाले को 50 रुपये अधिक देकर बोरियां खरीद लीं।
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