विकसित भारत की ओर
भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है और वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय उद्योग जगत से कहा कि दुनिया भर के निवेशक उत्सुकता से भारत की ओर देख रहे हैं तथा घरेलू उद्योग को आगे आकर इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहिए। वास्तव में आज हम बहुत सारी अनिश्चितताओं से भरी हुई दुनिया में रह रहे हैं। ऐसी दुनिया में भारत जैसा विकास और स्थिरता होना, अपवाद है।
ऐसी अनिश्चितता के समय में भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है। लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक प्रक्षेपपथ तय हो गया है। पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। भारत की नीति, निष्ठा, निश्चय, निर्णय और भारत में हो रहा निवेश पूरे विश्व की प्रगति का आधार बन रहा है। सरकार की नीतियां, प्रतिबद्धता और निवेश वैश्विक विकास की नींव बन रहे हैं। विश्व के नेता भारत को लेकर सकारात्मक हैं। भारत आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा है और वह दिन दूर नहीं जब देश विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारत की यही आर्थिक गति उसे आज वैश्विक राजनीति में एक अलग स्थान भी दिलाती है। यही कारण है कि कुछ मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद पश्चिम भारत के साथ लगातार जुड़ा हुआ है। पश्चिम के साथ भारत के संबंध काफी बढ़े हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था आंशिक रूप से सरकारी प्रयासों और अपनी अनूठी संरचना के कारण परिवर्तशील बनी हुई है।
आज जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने वाला है तो नए-नए क्षेत्रों में भी संभावनाएं बन रही हैं। साथ ही इसमें सुधार की गुंजाइश भी है। भारत की प्रति व्यक्ति आय तेजी से आर्थिक विकास करने वाले देशों से काफी पीछे है। प्रगति की वर्तमान दर को बनाए रखने के लिए एक केंद्रित नीति प्रयास को लागू करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कुछ वैश्विक निर्दिष्ट स्थानों पर निवेशकों का रुझान कम हो रहा है। इसलिए नीति निर्माताओं को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है। सरकार का इरादा और प्रतिबद्धता स्पष्ट है। देश विकसित भारत की ओर यात्रा कर रहा है। ऐसे में सभी को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।