मुरादाबाद : वैक्सीन की सुरक्षा से खिलवाड़, ड्राई स्टोर तक में गंदगी

कोल्ड चेन सेंटर...बी-श्रेणी में है कुंदरकी कोल्ड चेन सेंटर, टेक्नीशियन भी नहीं पहुंच रहे, स्टॉक रजिस्टर दुरुस्त न ही अग्निशमन यंत्र, माइक्रो प्लान तक में लापरवाही

मुरादाबाद : वैक्सीन की सुरक्षा से खिलवाड़, ड्राई स्टोर तक में गंदगी

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में सीएचसी व पीएचसी पर कोल्ड चेन सेंटरों का हाल काफी खराब है। इस बात का खुलासा यूनीसेफ के कर्मियों ने जून में अपने निरीक्षण में किया है। इस मामले में यूनिसेफ के जिला मोबिलाइजेशन समन्वयक रोहित कुमार सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है। ये रिपोर्ट कोल्ड चेन सेंटर पर इंतजामों के मामले में काफी चौकाने वाली है। यूनिसेफ की रिपाेर्ट है कि कई सरकारी अस्पतालों में न तो स्टॉक रजिस्टर दुरुस्त हैं और न ही अग्निशमन यंत्र। यहां तक अस्पताल में मौजूद स्टॉक भी बेमेल मिला है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं सब हवा-हवाई हैं। जरूरी इंतजामों के मामले में जिला अस्पताल भी बेहतर नहीं है। इसी तरह शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटघर, फकीरपुरा, मझोला और सीएचसी बिलारी, ठाकुरद्वारा, रामपुर घाघर, पाकबड़ा, भोजपुर, कुंदरकी भी हैं, जहां इंतजाम नाकाफी पाए गए हैं। इन सीएचसी में यूनिसेफ ने कुंदरकी को बी श्रेणी में रखा है।

यही नहीं, कुंदरकी और रामपुर घोघर अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण गाइडलाइन के अनुसार नहीं किया जाना पाया गया है। कई सीएचसी पर कोल्ड चेन के उपकरण (सीसीई) संबंधी लॉकबुक तक दुरुस्त नहीं है। वैसे नियमत: लॉगबुक को प्रतिदिन दो बार अपडेट किया जाना चाहिए। कोल्ड चेन सेंटर पर सिरिंज, कोल्ड बॉक्स रखने के लिए विशेष कमरा होता है, इसे ड्राई स्टोर बोलते हैं। इसलिए यहां साफ-सफाई होना अति आवश्यक रहता है। लेकिन, कई सीएचसी के वार्डों में साफ-सफाई न होने की बात छोड़िए यहां तो ड्राई स्टोर में भी सफाई का अभाव है।

वैक्सीन को कोल्ड चेन में रखना जरूरी
विशेषज्ञ बताते हैं कि टीकों को लगातार सीमित तापमान सीमा में संग्रहित किया जाना चाहिए अर्थात वह जब से निर्मित होते हैं तब से लेकर टीकाकरण होने तक के लिए। अन्यथा बहुत अधिक या कम तापमान के कारण टीके की क्षमता (बीमारी से बचाने की क्षमता) खत्म हो सकती है। एक बार जब कोई टीका अपनी क्षमता खो देता है, तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता है। इसलिए टीकों (वैक्सीन) को कोल्ड चेन में रखना जरूरी रहता है।

यूनिसेफ को कोल्ड चेन प्वाइंट पर मिलीं कमियां

  • रामपुर घोघर, भोजपुर, ठाकुरद्वारा, कुंदरकी, बिलारी, कटघर, मझोला, फकीरपुरा में कोल्ड चेन प्वाइंट पर माइक्रोप्लान तक उपलब्ध नहीं है।
  • बिलारी, कुंदरकी, ठाकुरद्वारा सीएचसी पर टीके आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) में सही ढंग से व्यवस्थित नहीं मिला।
  • ठाकुरद्वारा, भोजपुर, कुंदरकी, मझोला के अस्पतालों में कोल्ड चेन प्वाइंट पर ड्राई स्टोर तक साफ नहीं पाए गए हैं।
  • जिला अस्पताल और भोजपुर के कोल्ड चेन प्वाइंट पर स्टॉक रजिस्टर दुरुस्त नहीं पाया गया।
  • जिला अस्पताल और रामपुर घोघर व कुंदरकी कोल्ड चेन प्वाइंट पर साप्ताहिक समीक्षा तक नहीं हो रही है।
  • मझोला सीएचसी के कोल्ड चेन प्वाइंट पर अग्निशामक यंत्र समाप्त हो चुके हैं।
  • जिला अस्पताल और भोजपुर व पाकबड़ा सीएचसी के कोल्ड चेन प्वाइंट पर स्टॉक बेमेल पाया गया।
  • रामपुर घोघर, पाकबड़ा, महोला व फकीरपुरा सीएचसी के कोल्ड चेन प्वाइंट पर पावर बैकअप सुविधा उपलब्ध नहीं मिली।
  • भोजपुर, कुंदरकी कोल्ड चेन उपकरण (सीसीई) लॉगबुक को प्रतिदिन दो बार अपडेट नहीं किया जा रहा है।

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