निदा खान के हक में कोर्ट का बड़ा फैसला, शीरान रजा चुकाएंगे निदा का होम रेंट, देने होंगे एकमुश्त इतने लाख रुपए

निदा खान के हक में कोर्ट का बड़ा फैसला, शीरान रजा चुकाएंगे निदा का होम रेंट, देने होंगे एकमुश्त इतने लाख रुपए

बरेली, अमृत विचार। आला हजरत खानदान की बहू रहीं निंदा खान के हक में न्यायालय का बड़ा फैसला आया है। न्यायालय ने घरेलू हिंसा के मामले में निदा खान का (होम रेंट ) किराया भत्ता चार हजार रुपये महीने से बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया है। उनके शौहर (पति) शीरान रजा अब निदा खान के संरक्षण के लिए उन्हें एकमुश्त 10 लाख रुपये देंगे। अदालत ने पूर्व में 3 लाख रुपये देने संबंधी आदेश की धनराशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का आदेश पारित किया है।

आला हजरत खानदान से ताल्लुक रखने वाले शीरान रजा और निदा खान की शादी वर्ष 2015 में हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों में तकरार हो गई और तब से इनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसी साल जनवरी में निचली अदालत ने घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अनिधिनियम के तहत ये आदेश दिया था कि शीरान रज़ा, निदा खान को 4 हजार रुपये महीना किराये (होम रेंट) के एवज में देंगे, और 3 लाख रुपये की धनराशि एकमुश्त प्रतिकार के तौर पर देंगे। 

बाद में ये मामला सत्र न्यायाधीश की अदालत में पहुंचा। बरेली के सत्र न्यायाधीश, विनोद कुमार की कोर्ट ने इस पर आदेश जारी कर दिया है, जिसमें निदा खान का किराया और एकमुश्त प्रतिकार राशि, दोनों में बढ़ोत्तरी की गई है। 10 हजार रुपये महीना होम रेंट की धनराशि निदा खान को पहले से मिल रहे 15 हजार रुपये के मासिक गुजारा भत्ता राशि से अलग रहेगी। 

यानी निदा खान के गुजारे और रहने के एवज में अब शीरान रजा को करीब 25 हजार रुपये महीने चुकाने होंगे। निदा खान ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है। सनद रहे कि निदा खान के साथ विवाद के बाद शीरान रजा खान दूसरा विवाह कर चुके हैं। इस बीच निदा खान के साथ उनका प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। निदा खान आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष हैं और घरेलू हिंसा प्रकरण का सामना करने के बाद से वह महिला अधिकारों के लिए काम कर रही हैं। 

वहीं शीरान रजा खान, आला हजरत खानदान के बुजुर्ग मौलाना उस्मान रजा खान के बेटे हैं। निदा-शीरान का यह विवाद काफी सुर्ख़ियों में रहा है। आला हजरत खानदान से जुड़ाव होने के कारण कई बार इस मामले को सुलझाने की कोशिशें हो चुकी हैं, जो बेनतीजा रहीं।

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