तो क्या कैदी ऐसे जाते है बाग़ कमान: दो वार्डर के भरोसे 24 कैदी, दिखी लापरवाही
चार दिन बाद निकली कमान, फिर भी सुरक्षा नहीं
मिथलेश त्रिपाठी, प्रयागराज। नैनी सेंट्रल जेल से सजायाफ्ता कैदी काली चरण उर्फ़ बऊआ के फरार होने के बाद भी जेल प्रशासन ने सबक नही लिया है। चार दिनों से बंद पड़ी कमान को पांचवें दिन निकाली गई, लेकिन सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दो वार्डर दिखाई दिये। ऐसे में माना जा रहा है कि वार्डरों की लापरवाही से कैदी काली चरण भाग निकला।
केंद्रीय कारागार से 20 जुलाई को सर्किल नंबर दो में बंद महोबा के पसवारा गांव का रहने वाला काली चरण उर्फ़ बऊआ पुत्र मुल्लू कमान में काम करने के दौरान भाग निकला था। जिसकी तलाश लगातार की जा रही है। कैदी के फरार होने के बाद से जेल प्रशासन ने तलाशी की व्यस्तता के कारण चार दिनों से कमान को रोक दिया था। जिससे जेल के अंदर बंदियों के भोजन और सब्जियों को बनाने में भी परेशानियां शुरु हो गई।
जिसको देखते हुए बुधवार को एक बार फिर जेल प्रशासन ने हिम्मत करते हुए बाग़ कमान निकली। जिसमे 24 सजायाफ्ता कैदियों को निकाला गया। उनकी सुरक्षा में सिर्फ दो वार्डर को लगाया गया। अब सोचने की बात यह है कि चार दिन पहले 22 बंदियों को संभालने के लिए एक हेड वार्डर और तीन वार्डर लगाए गये थे। जबकि चार दिन बाद भेजे गये कमान में 24 कैदियों में दो वार्डर ही थे। यह कहा जा सकता है कि बंदी के भागने के बाद भी कहीं न कही फिर लापरवाही बरती गई है।
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