बरेली: विदेश में दो करोड़ का ऑफर ठुकराया, स्टार्टअप शुरू कर रक्षा मंत्रालय के लिए बनाया सॉफ्टवेयर

बरेली: विदेश में दो करोड़ का ऑफर ठुकराया, स्टार्टअप शुरू कर रक्षा मंत्रालय के लिए बनाया सॉफ्टवेयर

सुरेश पांडेय, बरेली। अगर जुनून है तो कोई भी मुकाम पाया जा सकता है। अद्वैत गुप्ता ने मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया है। उन्होंने विदेश में दो करोड़ रुपये का ऑफर ठुकराकर देश के युवाओं को रोजगार देने की ठानी। शहर में उन्होंने स्टार्टअप शुरू किया। उनका तैयार किया गया सॉफ्टवेयर आज रक्षा मंत्रालय इस्तेमाल कर रहा है। वह यहीं से फेसबुक सर्वर की हीटिंग की मॉनिटरिंग भी करते हैं।

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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर से डिग्री लेते अद्वैत गुप्ता।

 

शहर के मोहल्ला बिहारमान नगला निवासी अद्वैत गुप्ता ने कैलिफाेर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री ली। उन्होंने 2013 से 2020 तक विदेश में विभिन्न कंपनियों में काम किया। इस बीच उन्हें स्विटजरलैंड की एक कंपनी ने दो करोड़ रुपये का पैकेज आफर किया, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया और बरेली लौट आए। विदेश में जो पैसा कमाया, उसी से यहां काम शुरू किया।

उन्होंने सामान्य आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से बेहतर परिणाम देने वाला एप तैयार किया। वह बताते हैं कि कोई भी इंजीनियरिंग करिए, लेकिन साफ्टवेयर डेवलपमेंट आना चाहिए। इंजीनियरिंग की पढ़ाई में भी फिजिक्स और मैथ का प्रयोग ज्यादा होता है। उनके साथ मैकेनिकल, एयरोस्पेस, केमिकल इंजीनियरिंग के लोग हैं। महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और गुवाहाटी के युवा इंजीनियर उनसे जुड़े हैं। उनकी कंपनी से जुड़े एनआईटी पासआउट युवा विदेशी कंपनी के लिए काम कर रहे हैं। अद्वैत घर से ही कंपनी चला रहे हैं।

ए एम प्रवाह नाम का साफ्टवेयर विकसित किया
अद्वैत ने एएम प्रवाह नाम का साफ्टवेयर विकसित किया है, जिसे रक्षा मंत्रालय ने पसंद किया और उनका साफ्टवेयर वहां चल रहा है। उनका कहना है कि यह साफ्टवेयर चिकित्सा क्षेत्र के लिए भी कारगर साबित हो सकता है। इसमें थ्री डी प्रिंटिंग के प्रयोग से व्यक्ति के हार्टअटैक की संभावना को बताया जा सकता है। अद्वैत बताते हैं कि व्यक्ति की जांच रिपोर्ट को इस साफ्टवेयर में डालने के बाद डाॅक्टरों को पता चल जाएगा कि उन्हें ऑपरेशन करना होगा या दवा से काम चल जाएगा। अभी बड़े संस्थानों से इसके लिए वार्ता चल रही है। उनका दावा है कि एएम प्रवाह विश्व का पहला थ्री डी प्रिंटिंग सिमलेशन साफ्टवेयर है। यह पूरी तरह पांडव एप्लीकेशन से संचालित है। पांडव एप्लीकेशन अद्वैत की मूल कंपनी है।

छात्रों के लिए बनाया क्वांट परकार सॉफ्टवेयर
अद्वैत ने विश्व के सभी छात्रों, एकेडमी, प्रोफेशनल, इंडस्ट्री के लिए क्वांट परकार साफ्टवेयर बनाया है। इसे डाउनलोड करके छात्र लाभ ले सकते हैं। उनका दावा है कि यह सामान्य एआई से बेहतर रिजल्ट दे सकता है।

फेसबुक सर्वर की निगरानी भी कर रहे
अद्वैत ने बताया कि अमेरिका में फेसबुक का डेटा सेंटर बना है। दो मंजिल इस सेंटर में केवल मशीनें ही लगी हैं। मशीनों से समुचित हीटिंग और कूलिंग हो, इसके लिए बरेली से वह निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नैनो बबल तकनीक पर भी काम हो रहा है। दिल्ली में एलएंडटी कंपनी वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना रही है। इसमें ओजोन में कितनी मात्रा और कितनी साइज में बबल छोड़े जाएंगे, इसकी माडलिंग यहां से की जा रही है।

अमेजन और फ्लिपकार्ट नौकरी दे सकता है तो मैं क्यों नहीं
अद्वैत कहते हैं कि अमेजन और फ्लिपकार्ट रोजगार दे सकता है तो मैं क्यों नहीं। मन में यह विचार ऐसा कौंधा कि स्विटजरलैंड में करोड़ों रुपये का आफर ठुकरा कर बरेली लौट आए। यहीं काम शुरू कर दिया। आज वह तमाम युवाओं को रोजगार दे रहे हैं।