सीतापुर: बाघ ने मवेशी को बनाया शिकार, ग्रामीणों में दहशत

वन विभाग की टीम कर रही कॉम्बिंग,अलर्ट रहने की दी सलाह

सीतापुर: बाघ ने मवेशी को बनाया शिकार, ग्रामीणों में दहशत

सीतापुर,अमृत विचार। महोली कोतवाली इलाके में कठिना नदी की कछारों को बीते कई वर्षों से अपना आशियाना बनाने वाला बाघ अब शिकार की तलाश में गांव की ओर बढ़ रहा है। देर रात बाघ ने एक किसान के घर के बाहर खूंटे से बंधे बैल पर हमला बोल दिया और उसे करीब 300 मीटर दूर खेतों की ओर खींच ले गया। सुबह खेत में बैल का रक्त रंजित शव देखे जाने के बाद गांव में दहशत फैल गई। बाघ ने गांव के एक अन्य व्यक्ति की बकरी का भी शिकार किया है। वारदात के बाद ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है। 

जानकारी के अनुसार क्षेत्र मामला राष्ट्रीय राजमार्ग -30 के किनारे बसे कारीपाकर गांव का है। यहां के ग्राम छब्बा यादव पुत्र द्वारिका ने बताया कि उन्होंने खेत के किनारे अपना घर बना रखा है। प्रतिदिन की तरह उन्होंने अपने बैल को घर के बाहर खूंटे से बांध दिया और घर के अंदर जाकर सो गए। ‌मध्यरात्रि के बाद करीब 3 बजे गांव की ओर दाखिल हुए बाघ ने घर के बाहर बंधे बैल पर हमला बोल दिया और उसे करीब 300 मीटर दूर लक्ष्मी नारायण वर्मा के खेत तक खींच ले गया। 

सुबह ग्रामीणों ने जब बैल का क्षत-विक्षत शव देखा तो दहशत में आ‌ गये। अपने बैल को मृत अवस्था में देख किसान छब्बा यादव फूट-फूट कर रोए। इससे पूर्व बाघ ने गांव के भरोसे की बकरी का भी शिकार किया था। ग्रामीण अपने बच्चों और मवेशियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। लेकिन जनप्रतिनिधि और वन विभाग पूरी तरह अंजान बना हुआ है। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि पदचिन्हों के आधार पर कॉम्बिंग की जा रही है।

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