रायबरेली: बेंगलुरु में युवक की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई थी सलोन ब्लॉक की जांच, एटीएस की पूछताछ में खुले कई राज

रायबरेली: बेंगलुरु में युवक की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई थी सलोन ब्लॉक की जांच, एटीएस की पूछताछ में खुले कई राज

रायबरेली। रायबरेली के सलोन ब्लॉक में हुए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के फर्जीवाड़े में पुलिस ने आरोपी ग्राम विकास अधिकारी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तीन दिन पूर्व सलोन कोतवाली पहुंचे एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी और आईजी रेज ने आरोपियों से अलग-अलग कमरों में पूछताछ की जिसके बाद आरोपियों ने कई राज उगले हैं। लेकिन किसी भी आलाधिकारी ने कोई भी जवाब देने से बचते नजर आए हैं। 

इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव काफी शातिर किस्म था। उसने गांव में तैनाती के दौरान अलग-अलग तरीके से डिजिटल हस्ताक्षर किए थे। जिससे उसकी चोरी पकड़ी न जा सके, लेकिन वह अपने मंसूबो पर कामयाब नहीं हो सका। आरोपी ग्राम विकास अधिकारी ने अपने बचने के लिए खूब प्रयास किये। एटीएस और अधिकारियों को खूब गुमराह करने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सका। 

वहीं अन्य आरोपियों से भी पुलिस ने जब पूछताछ शुरू की तो उन्होंने भी बात को घूमाने की कोशिश की लेकिन अंत में सारा सच उगल दिया। बताया जाता है कि विकासखंड के कई ग्राम पंचायत में तैनात ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव ने फर्जीवाडा करके अलग-अलग ग्राम सभाओं से 20 हजार से अधिक लोगों के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए थे।

जिसके एवज में वह मोटी रकम भी वसूलत था। मामला उस समय पकड़ में आ गया जब बेंगलुरु में एक युवक स्थानीय पुलिस की हत्थे चढ़ गया और पूछताछ के दौरान उसके पास पासपोर्ट में दूसरा निवास स्थान तथा अन्य दस्तावेज में कोतवाली क्षेत्र के गांव का नाम प्रकाश में आया था। इसके बाद किसी आतंकी गतिविधि को लेकर के दिल्ली की एक टीम ने बेंगलुरु पुलिस के साथ सलोन ब्लाक में जांच पड़ताल की थी।

उसके बाद से मामले में बारीकी से जांच पड़ताल हो रही थी। अब जाकर पुलिस ने आरोपी विजय यादव, साइबर कैफे संचालक जीशान को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल का कहना है कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही है।

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