मप्र उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य भाजपा में शामिल, इस हास्य कलाकार को नहीं दी थी जमानत

भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य सेवानिवृत्त होने के तीन महीने बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उन्होंने भाजपा में शामिल होने के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनोन्मुख विकास कार्य और पार्टी की नीतियों का हवाला दिया। न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आर्य ने 2021 में हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी को जमानत देने से इनकार कर दिया था जिन पर इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप था।
भाजपा के एक नेता ने सोमवार को बताया कि आर्य शनिवार को भोपाल में पार्टी कार्यालय में एक कार्यशाला को संबोधित करने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। भोपाल में भाजपा कार्यालय में नयी भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) पर एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए आर्य ने इस कानून को आम आदमी को न्याय दिलाने के मकसद से एक बड़ा सुधार बताया।
केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आर्य ने बीएनएस के महत्व पर जोर दिया और अनुमान जताया कि यह महत्वपूर्ण सुधार लेकर आएगी। आर्य ने कहा, ‘‘भारतीय दंड संहिता को बदलकर भारतीय न्याय संहिता करना एक बड़ी बात है। मैं इसके लिए केंद्र सरकार के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं। आने वाले दिनों में बीएनएस लोगों की जीवन में सुधार लेकर आएगी।’’
आर्य ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के जनोन्मुख विकास कार्यों और पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। आर्य को 12 सितंबर 2013 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह 26 मार्च 2015 को स्थायी न्यायाधीश बने थे। वह 27 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो गए।
आर्य ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में हाशिए पर रहने वाले नागरिकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि उनकी भलाई देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। आर्य ने कहा कि उन्होंने आम लोगों से संबंधित मुद्दों पर कई अच्छे फैसले दिए हैं और उन्होंने हैरानी जतायी कि फारुकी मामले में उनके द्वारा पारित आदेश को बार-बार उजागर क्यों किया जाता है।
अपने करियर के दौरान की गई पहलों का जिक्र करते हुए आर्य ने ग्वालियर में ‘समाधान आपके द्वार’ कार्यक्रम को शुरू किए जाने के अवसर को याद किया जब वह एक प्रशासनिक न्यायाधीश थे। आर्य ने कहा, ‘‘मैंने नौ जिलों में यह पहल शुरू की जिसके सार्थक परिणाम मिले। पहली बार, विभिन्न स्तरों पर लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए न्यायपालिका, राजस्व, पुलिस, वन, बिजली और स्थानीय निकायों को एक साझा मंच पर लाया गया।’’
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