Kanpur: शहर के ऊपर ‘हीट अंबरैला’ से बढ़ी ‘पैची रेन’, वाहनों और एसी के अत्यधिक इस्तेमाल से बदला बारिश का पैटर्न

पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली गैसों ने वायुमंडल में बनाई गर्म परत

Kanpur: शहर के ऊपर ‘हीट अंबरैला’ से बढ़ी ‘पैची रेन’, वाहनों और एसी के अत्यधिक इस्तेमाल से बदला बारिश का पैटर्न

कानपुर, अमृत विचार। इस बार मानसून ‘पैची रेन’ और ‘हीट अंबरैला’ का शिकार हो रहा है। इन दोनों वजह से शहर में एक ही समय में कुछ हिस्सों में बारिश तो कुछ में सिर्फ बूंदाबादी ही हो रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इसका कारण  शहर में बढ़ते वाहन और एसी का इस्तेमाल है। इनसे उत्पन्न होने वाली पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली गैसें वायुमंडल में एक गर्म परत (हीट अंबरैला) बना रही हैं, जो बादलों को बरसने से रोक रही हैं। ऐसे में बिखरे बादलों से पैची रेन हो रही है।  

मानसून के दौरान शहर में एक ही समय पर बारिश और सूखा लोगों में चर्चा का विषय है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रीन गैसों की वजह से होने वाले जलवायु परिवर्तन के कारण यह स्थिति बनी है। इसकी प्रमुख वजह एसी व वाहनों का अत्याधिक प्रयोग है। 

इनसे निकली गैसों का का गुबार वायुमंडल में बादलों को प्रभावित कर रहा है। सीएसए विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से मौसम व बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है। इसके कारण 70 से 100 किलोमीटर दायरे वाले क्षेत्र में ही बारिश में एकरूपता नहीं है। शहर में भी इसी कारण पैची रेन जैसी स्थिति बन रही है।

पर्यावरण से खिलवाड़ पड़ रहा भारी 

शहर में आबादी बढ़ने के साथ अत्यधिक निर्माण, हरियाली कम होना, वाहनों और एसी का ज्यादा प्रयोग, बारिश के जल का भूजल में न परिवर्तित होना, वह कारण हैं, जिनकी वजह से ग्रीन गैस मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, क्लोरो फ्लोरा कार्बन, नाइटस पर्यावरण को प्रभावित कर रही है। इसका असर मौसम और मानसून पर पड़ रहा है।

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