1.33 लाख सरकारी स्कूलों में आज से डिजिटल हाजिरी के लिए मैदान में उतरी शिक्षा विभाग की टीम, जानिए क्या हैं इसके फायदे
अमृत विचार लखनऊ। ऑनलाइन हाजिरी का प्रदेश भर में हो रहे विरोध को सहमति में बदलने के लिए आज शुक्रवार से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम मैदान में उतर चुकी है। लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में अधिकारियों की ओर से इसके फायदे शिक्षकों को बताये जा रहे हैं। अधिकारी स्कूल पहुंचकर शिक्षकों को डिजिटल सुविधा के बारे में बता रहे हैं। साथ ही उनके भ्रम को भी दूर कर रहे हैं। ताकि डिजिटल व्यवथा को पटरी पर लाया जा सके। बता दें कि इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने गुरुवार को जूम मीटिंग में स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों में हाजिरी सहित सभी कार्य आनलाइन ही होंगे।
शिक्षकों में जो भी भ्रामक स्थिति है उसे हर हाल में दूर किया जाए। सभी को निर्देशित किया गया कि डिजिटल पंजिकाओं के संबंध में शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता की जाए तथा डिजिटल पंजिकाओं से होने वाले लाभ के संबंध में उन्हें अवगत कराया जाए। बैठक में प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा अधिकारी, सभी मंडलों के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक और खंड शिक्षा अधिकारी शामिल हुए।
तकनीकी दिक्कत का होगा त्वारित निदान
महानिदेशक ने बताया कि बीएसए व बीईओ की ओर से तकनीकी समस्याओं का यथासमय निदान करना होगा। यदि कोई दिक्कत है तो तत्काल विद्या समीक्षा केन्द्र (0522-3538777) और राज्य परियोजना कार्यालय स्तर पर गठित विभिन्न विभागीय व्हाट्सअप ग्रुप पर इसकी सूचना दी जाएगी ताकि समाधान किया जा सके।
7:30 से 10:30 होगा नियमित निरीक्षण
एडी बेसिक, बीएसए, डीसी, एसआरजी व एआरपी की ओर से शुक्रवार से स्कूलों का नियमित निरीक्षण होगा। प्रातः 7:30 बजे से 10:30 बजे तक समय निरीक्षण के लिए निर्धारित किया गया है। इस दौरान शिक्षकों की दिक्कतों को भी हल किया जाएगा।
करोड़ों का होगा फायदा, पेपर की होगी बचत, रजिस्टर खरीदने का झंझट होगा खत्म
सरकारी स्कूलों में डिजिटल व्यवस्था शुरू होने से करोड़ों का फायदा होगा। साथ ही कागज और समय की बचत भी होगी। मैनुअल रिकार्ड रखने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। पंजिकाओं के खो जाने व खराब होने का डर भी नहीं रहेगा।
शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बताया कि प्रवेश, कक्षावार छात्र उपस्थिति, एमडीएम रजिस्टर, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण व स्टॉक रजिस्टर डिजिटाइज हो जायेंगे। साथही आय-व्यय व चेक जारी करने वाला रजिस्टर, बैठक, निरीक्षण, पत्र व्यवहार, बाल गणना, पुस्तकालय व खेलकूद रजिस्टर को भी डिजिटाइज किया जाएगा। इसके लिए मॉड्यूल विकसित कर दिया गया है।
शिक्षकों का विरोध जारी, 1.33 लाख स्कूलों में प्रभावित हो रही पढ़ाई
अमृत विचार, लखनऊ। शिक्षकों के विरोध चलते पिछले चार दिनों से 1.33 लाख प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। काफी शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनके संघ के पदाधिकारी अनुमति नहीं देंगे तब तक वह हाजिरी नहीं लगाएंगे। चौथे दिन शुक्रवार को करीब 10 हजार शिक्षकों ने आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई। बता दें कि सरकारी विद्यालयों में करीब 1.65 करोड़ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए 6 लाख से अधिक शिक्षकों की तैनाती है।
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स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी: सरकारी स्कूलो में टैबलेट की जानकारी देने के लिए आज से सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंच रहे हैं।
— Amrit Vichar (@AmritVichar) July 12, 2024
कानपुर BSA के निर्देश पर DC MDM विद्यालय पहुंचे और शिक्षिका को टैबलेट चलाने के के बारे में जानकारी देते हुए।#UttarPradesh… pic.twitter.com/JU1P5txPvP
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
15 दिन की हाफ सीएल, 31 दिन का ईएल, कैशलेस इलाज, राज्य कर्मचारी का दर्जा, फल-दूध ख़रीदने से मुक्ति, पुरानी पेंशन, नेटवर्क की समस्या दूर करना और स्कूलों के रास्ते सही करना।
क्या हैं शिक्षक संघ के पदाधिकारी
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि अगर सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है तो हमको जांचने के लिए जो लोग बैठे हुए हैं, उनके पदों को खत्म कर दिया जाए। हम पर नजर रखने के लिए डीएम की पूरी सेल है, सीडीओ की सेल है, बीएसए ऑफिस की है मंडली है। सहायक शिक्षा निदेशक का स्टाफ है।
शिक्षक नहीं माने तो होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने अधिकारियों ने बताया कि बरेली, कुशीनगर, उन्नाव देवरिया, बाराबंकी सहित कई जिलों में कार्रवाई शुरू हो चुकी है। कुछ BSA ने सभी BEO को 10-10 स्कूलों का निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। वहीं कुछ जिलों में BEO को पांच, SRG और ERP को दो-दो स्कूलों का निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि समझाने के बाद भी शिक्षक हाजिरी नहीं लगाते हैं तो उन पर ऐक्शन भी लिया जाएगा। बता दें कि उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, स्टॉक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, आय-व्यय व चेक इश्यू पंजिका, बैठक पंजिका का डिजिटाइजेशन भी कराया जा रहा है।
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