सुलतानपुर: AAP सांसद संजय सिंह ने एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में किया समर्पण, मिली जमानत
आप सांसद ने कहा- उन्हें न्याय और अदालत पर पूर्ण विश्वास

सुलतानपुर, अमृत विचार। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय के आचार संहिता उल्लंघन के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में गुरुवार को अपने अधिवक्ता रुद्रप्रताप सिंह मदन के जरिए आत्मसमर्पण कर दिया। विशेष कोर्ट मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने उनकी जमानत मंजूर कर रिहाई का आदेश दिया है।
विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय के मुताबिक आम आदमी पार्टी (आप) के सासंद संजय सिंह, मकसूद अंसारी, सलीम अंसारी, जगदीश यादव, मकसूद, सुकई, धर्मराज, जीशान, शाहबाज, सिकंदर, जलील व अजय के खिलाफ 13 अप्रैल 2021 को बंधुआ कला थाने के हसनपुर में आचार संहिता की उल्लंघन के आरोप में तत्कालीन एसओ प्रवीण कुमार यादव ने केस दर्ज किया था।
केस में अन्य आरोपी जमानत करा चुके हैं, जबकि आप सासंद संजय सिंह के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया गया था। इस दौरान उनके समर्थक कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद रहे। सासंद संजय सिंह ने कहा उन्हें न्याय व अदालत पर पूर्ण विश्वास है। अधिवक्ता मदन सिंह ने बताया उन्हें 20 हजार रुपए की दो जमानत और निजी मुचलके के दाखिल करने पर रिहा कर दिया है।
संजय सिंह की अपील में निर्णय 22 जुलाई को
बिजली-पानी की समस्या के विरोध में सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन और रोड जाम के 23 साल पुराने मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और सपा के पूर्व विधायक अनूप संडा समेत छह आरोपियों की सजा के खिलाफ अपील पर गुरुवार को अपील पर निर्णय नहीं आ सका। बचाव पक्ष के वकील अरविंद सिंह राजा व रुद्र प्रताप सिंह मदन ने बताया निर्णय के लिए कोर्ट ने 22 जुलाई की तारीख नियत की है।
एमपी/एमएलए कोर्ट के मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव ने 11 जनवरी 2023 को सभी छह आरोपियों को तीन माह की सजा व प्रत्येक को डेढ़ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी। जिसे सेशन कोर्ट में चुनौती दी गई है। शहर की सब्जी मंडी के निकट ओवरब्रिज के उत्तरी छोर पर 19 जून 2001 को बिजली कटौती और पानी की समस्या के विरोध में सपा के पूर्व विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया था।
मुकदमे में पूर्व विधायक अनूप संडा, इस समय राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, साथी संतोष, विजय कुमार, सुभाष चौधरी और कमल श्रीवास्तव पर चार्जशीट दाखिल हुई थी। कोर्ट ने सभी को तीन माह की सजा व डेढ़ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाया थी। जिसके खिलाफ अपील दायर की गई है।
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