वाहन स्वामियों को मिली बड़ी राहत, किसी भी जिले में कराएं फिटनेस

जिले में लागू हुई एनीवेयर फिटनेस व्यवस्था, प्रारुप 38 की बजाय परिवहन कर्मी भरेंगे 38ए फार्म

वाहन स्वामियों को मिली बड़ी राहत, किसी भी जिले में कराएं फिटनेस

बाराबंकी, अमृत विचार। वाहनों के फिटनेस को लेकर एक बड़ा बदलाव होने से वाहन स्वामियों को काफी हद तक सहूलियत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत अब अगर वाहन की फिटनेस खत्म हो गया है और वाहन मालिक किसी दूसरे जिले में है तो उसे वाहन के पंजीकरण वाले जिले में आने की जरुरत नहीं है। अब वह दूसरे जिले में भी अपने वाहन की फिटनेस करवा सकेंगे।

सीधे तौर पर यह कह सकता है कि अब कोई भी वाहन स्वामी अपने वाहन का फिटनेस किसी भी जिले में कर सकता है। परिवहन विभाग द्वारा एनीवेयर फिटनेस व्यवस्था लागू होने से लोगों को इससे काफी राहत मिलेगी। अभी तक अपने ही जिले के एआरटीओ कार्यालय ले जाकर फिटनेस की जांच करानी पड़ती थी।

जिले में लगभग साढ़े चार लाख के आसपास वाहन पंजीकृत हैं। इनमें दो और चार पहिया समेत अन्य श्रेणी में आने वाले वाहन शामिल हैं। इनमें करीब साढ़े तीन लाख व्यावसायिक वाहन हैं। वहीं स्कूली वाहनों की संख्या भी अच्छी खासी है। इनका फिटनेस परीक्षण परिवहन विभाग द्वारा कराया जाता है। 

परिवहन विभाग की नई व्यवस्था के अनुसार अब यदि वाहन स्वामी गैर जिले में है तो फिटनेस जांच के लिए वाहन स्वामी को दो भागों में शुल्क जमा करना होगा। एक भाग का शुल्क उक्त जिले के संभागीय परिवहन कार्यालय में जमा कराना होगा, जहां वाहन मौजूद है, वहीं दूसरा भाग वाहन परीक्षण के लिए होगा।

संबंधित जिले के अधिकारी इस तरह के वाहन की फिटनेस की जांच प्रारूप संख्या 38 के बजाय नए प्रारूप संख्या 38 ए पर करते हुए परीक्षण रिपोर्ट दर्ज करेंगे। इस रिपोर्ट की तीन प्रतियां होंगी। एक प्रति विभाग के सिस्टम में अपलोड की जाएगी। जबकि दूसरी प्रति को 30 दिन के अंदर वाहन स्वामी को अपने मूल कार्यालय में जमा करना होगा। तीसरी प्रति वाहन स्वामी के पास रहेगी। 

इसके साथ ही शुल्क का दूसरा भाग ऑनलाइन जमा कराने के बाद रसीद कार्यालय में जमा करानी होगी। नई व्यवस्था में वाहन के बजाय उसके स्वामी को एक बार मूल कार्यालय में परीक्षण रिपोर्ट देने के लिए जाना पड़ेगा। 

वहीं आवेदक को वाहन फिटनेस के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिले का चयन करने के साथ ही जरूरी दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे। इसके उपरांत अधिकारी एप के माध्यम से निरीक्षण करेंगे। फिर निर्धारित तारीख पर फिटनेस की जांच के लिए बुलाया जाएगा। जांच के बाद प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा।

क्या बोले एआरटीओ...

फिटनेस को लेकर नई व्यवस्था प्रभावी कर दी गई है। फिटनेस परीक्षण के उपरांत दूसरी प्रति जिस जिले का वाहन होगा, वहां के परिवहन कार्यालय में जमा कराना होगा। इसके लिए वाहन स्वामी को स्वयं आना पड़ेगा। इस व्यवस्था से वाहन स्वामी को काफी हद तक राहत मिलेगी.., अंकिता शुक्ला, एआरटीओ, बाराबंकी।

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