गोंडा: इको टूरिज्म के तौर पर विकसित होगा टिकरी वन और आरगा पक्षी विहार 

केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री ने दिल्ली में अफसरों से की क्षेत्र के एकीकृत विकास पर चर्चा 

गोंडा: इको टूरिज्म के तौर पर विकसित होगा टिकरी वन और आरगा पक्षी विहार 

गोंडा, अमृत विचार। जिले के मनकापुर और वजीरगंज क्षेत्र में स्थित टिकरी वन रेंज व आरगा पक्षी विहार का विकास इको टूरिज्म के तौर पर कराया जाएगा। केंद्रीय वन पर्यावरण पर जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने इस क्षेत्र के एकीकृत विकास की पहल की है। शुक्रवार को उन्होंने नई दिल्ली के पर्यावरण भवन में अफसरों के साथ बैठक कर इस प्रस्ताव पर चर्चा की। 

पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य 1084.47 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह झील स्वाभाविक रूप से पूरे वर्ष स्थानीय पक्षियों और सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों का भरण-पोषण करने में सक्षम है। सर्दियों के मौसम में विदेशों से पक्षी यहां पहुंचते हैं। करीब चार महीने तक यह क्षेत्र इन विदेशी पक्षियों के कलरव से गुलजार रहता है। जिले के वजीरगंज क्षेत्र में स्थित यह पक्षी विहार पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इसी तरह टिकरी वन रेंज के रेंजर विनोद नायक ने बताया कि टिकरी वन रेंज लगभग 7500 सौ हेक्टेयर में फैला हुआ है‌।‌

मनकापुर से लेकर वजीरगंज और नवाबगंज तक‌ इस वन क्षेत्र की सीमाएं विस्तारित हैं। यह वन क्षेत्र साखू और सागौन जैसे बेशकीमती पेड़ों से समृद्ध है। अयोध्या धाम से निकट होने के कारण पर्यटन की दृष्टि से यह पूरा क्षेत्र काफी अनुकूल है और यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं है। अब इस क्षेत्र के विकास को लेकर जिले के सांसद व केंद्रीय वन ,पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने पहल की है। राजा भैया ने इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। शुक्रवार को राजा भैया ने नई दिल्ली के पर्यावरण भवन में वन महानिदेशक जितेंद्र कुमार, अपर वन महानिदेशक सुशील अवस्थी, संयुक्त सचिव सुजीत कुमार वाजपेयी व वन महानिरीक्षक रमेश पांडेय के साथ बैठक कर इस क्षेत्र के एकीकृत विकास की विस्तार से बिंदुवार चर्चा की। 

इस चर्चा की जानकारी उन्होने अपने सोशल मीडिया के फेसबुक पेज पर साझा की है‌। केंद्रीय राज्यमंत्री राजा भैया ने अफसरों को बताया कि पार्वती अरगा पक्षी विहार (अभ्यारण्य) तथा टिकरी वन रेंज में इको टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। अगर इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जाता है तो यह पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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