Kanpur: फर्जी शिक्षक भर्ती मामला: बयान देने नहीं पहुंचे बाबू और पूर्व डीआईओएस, दोनों ने अग्रिम जमानत के लिए दाखिल की अर्जी

आरोपियों की बेल खारिज कराने के लिए कोर्ट में पैरवी

Kanpur: फर्जी शिक्षक भर्ती मामला: बयान देने नहीं पहुंचे बाबू और पूर्व डीआईओएस, दोनों ने अग्रिम जमानत के लिए दाखिल की अर्जी

कानपुर, अमृत विचार। फर्जी शिक्षक भर्ती प्रकरण में पुलिस पूर्व डीआईओएस और बाबू को चार बार नोटिस भेज चुकी है लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। ये दोनों बयान दर्ज कराने भी नहीं आए। जिसके बाद पुलिस इन आरोपियों की बेल खारिज कराने के लिए कोर्ट में पैरवी करने की तैयारी में जुट गई है। 

इस मामले में गठित एसआईटी ने मेरठ और मुजफ्फरनगर में दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी, लेकिन आरोपियों ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा था, जिससे उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जांच में पता चला है कि दोनों शिक्षकों ने अपना मूल पता गलत दर्ज कराया है। 
 
शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में एसआईटी जांच कर रही है। मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ और मुजफ्फरनगर में दबिश देने के बाद पुलिस ने कई साक्ष्य एकत्र किए हैं। जेल भेजे गए आरोपियों ने जिन नौ शिक्षकों की तैनाती करवाई थी, उनमें पुलिस सात से पूछताछ कर चुकी है। जबकि दो शिक्षकों के पते की अभी तक पुलिस पुष्टि नहीं कर सकी है। 

इन दो शिक्षकों के द्वारा जो पता दस्तावेजों में दर्ज कराए गए थे, वह गलत हैं। जिसके बाद पुलिस इनको खोजने में जुट गई है। इस मामले गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व डीआईओएस मुन्नी लाल के साथ ही बाबू सुनील कुमार ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है, जिसमें सात जुलाई को सुनवाई होगी। 

इन दोनों आरोपियों को पुलिस आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने के लिए चार नोटिस भेज चुकी है, लेकिन दोनों बयान दर्ज कराने के लिए एसीपी कार्यालय नहीं आ रहे हैं। एसीपी महेश कुमार ने बताया कि गुरुवार को भी दोनों का इंतजार करते रहे लेकिन वे नहीं आए।

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