देश के शीर्ष 50 विश्वविद्यालयों में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भी शामिल, नया कोर्स शुरू करने की तैयारी

देश के शीर्ष 50 विश्वविद्यालयों में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भी शामिल, नया कोर्स शुरू करने की तैयारी

लखनऊ, अमृत विचार: केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को पहली बार सामान्य विश्वविद्यालयों में भारत के शीर्ष रैंकिंग विश्वविद्यालयों में सूचीबद्ध किया गया है। अखिल भारतीय स्तर पर आईआईआरएफ विश्वविद्यालय रैंकिंग में 40वीं रैंक हासिल की है। निदेशक का कहना है कि विवि भारत के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों में सूचीबद्ध होने वाला एकमात्र संस्कृत विश्वविद्यालय है। वहीं नए कोर्स शुरू करने की तैयारी भी जा रही है।

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के निदेशक प्रो. सर्वनारायण झा ने बताया कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा कुल अंक 913/1000 प्राप्त हुए हैं। वहीं दूसरी और अगर जेएनयू टॉपर की बात की जाए तो उसने 989/1000 प्राप्त किए हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने नैक ग्रेडिंग में भी ए प्लस-प्लस श्रेणी प्राप्त की है। वहीं यूजीसी की ओर से ग्रेडेड एटोनॉमी कैटेगरी में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाला ये एक मात्र संस्कृत विश्वविद्यालय बन गया है। अखिल भारतीय स्तर पर आईआईआरएफ विश्वविद्यालय रैंकिंग में 40वीं रैंक हासिल की है। ऐसे में देश के शीर्ष 50 विश्वविद्यालयों में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का नाम सम्मिलित हो गया है।

शुरू होने जा रहा नया कोर्स

प्रो. विवेक सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में एक नए कोर्स को शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है। जो इस सत्र से शुरू कर दिया जाएगा। संस्थान द्वारा छात्रों की सिविल सर्विस में बढ़ रही रूची को देख कर नया कोर्स शुरू किया जा रहा है। इस कोर्स का नाम हैं बीए इन संस्कृत एंड सिविल सर्विसिस यानी की बीए-एससीएस। बोर्ड द्वारा इस कोर्स को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। दो या तीन दिन में इसे साइट पर अपडेट कर दिया जाएगा। इस कोर्स के लिए अभी तक 60 सीट निर्धारित की गई हैं। वहीं इस कोर्स को नई शिक्षा नीति के तहत स्टूडेंट्स के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम में मल्टी एंट्री और एग्जिट की सुविधा दी जाएगी। इस कोर्स को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि विद्यार्थी को प्रथम वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर डिप्लोमा को सर्टीफिकेट ले सकते हैं, दो वर्ष की पढ़ाई से एडवांस डिप्लोमा, तीन वर्ष पर डिग्री और चार वर्ष की पढ़ाई करके डिग्री विद रिसर्च ले सकते हैं। इस कोर्स में संस्कृत के साथ ही लोक प्रशासन के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसके सिलेबस में राजशास्त्र और नीतिशास्त्र को भी शामिल किया गया है। 

यह कोर्स सिविल सेवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जिससे उसे अन्य क्षेत्रों में भी मदद मिल सकें। सिविल सेवा  की तैयारी कर रहा छाक्ष  साक्षात्कार में अगर पास नहीं हो पाता है तो वह इस कोर्स की मदद से किसी भी निजी संस्थान में नौकरी पा सकता है।

सीयूएटी का फॉर्म न भरने वाले पा सकेंगे प्रवेश
प्रो. सर्वनारायण झा ने बताया कि सीयूईटी का फॉर्म ना भर पाने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय दोबारा मौका देने जा रहा है। इसमें प्राक्शास्त्री(10 1), शास्त्री (स्नातक) के लिए व्याकरण, व्याकरण प्रतिष्ठा न्याय, संस्कृत साहित्य, वेद, फलित ज्योतिष, सिद्धांत ज्योतिष, बौद्धदर्शन, हिन्दी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, कम्प्यूटर, शारीरिक शिक्षा, योग, पर्यावरण तथा आचार्य (परास्नातक)- व्याकरण, संस्कृत साहित्य, वेद, फलित ज्योतिष, सिद्धान्त ज्योतिष, बौद्धदर्शन, एमए पालि में प्रवेश के लिए परिसरीय प्रवेश-परीक्षा के माध्यम से सीधे प्रवेश पा सकते हैं। रिक्त सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। आचार्य और एमए पालि के लिए फार्म भरने की अंतिम तिथि 5 जुलाई है।

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