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नैनीताल: नगर का डिजिटल डाटा जुटाने पहुंची सर्वे टीम का विरोध
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नैनीताल, अमृत विचार। नगर पालिका क्षेत्र का स्थलीय और ड्रोन सर्वे कर पालिका की संपत्ति का सटीक आंकड़ा जुटाकर डिजिटल बेस तैयार करने के काम में शहरवासी ही बाधा बने हुए हैं। सर्वे के बाद भवन कर में बढ़ोतरी की आशंका के चलते तमाम क्षेत्रों में सर्वे टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
नतीजतन शासन की ओर से भेजी गई टीम बिना डोर टू डोर सर्वे पूरा किये ही लौट रही है। सर्वे के बाद कर में मामूली बढ़ोतरी होने की बात पर भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं, जिससे टीम और शहरवासियों के बीच समन्वय बना रहे पालिका अधिकारियों, कर्मचारियों की भी मुश्किल बढ़ी हुई हैं।
अब पालिका लोगों और टीम के बीच समन्वय बनाने की समस्या से जूझ रही है। शासन की ओर से पूर्व में जारी किए गए शासनादेश के तहत सर्किल रेट के आधार पर कर में 0.01 प्रतिशत से 01 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रावधान है, जिसमें नगर पालिका की ओर से 0.01 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास कराया हुआ है।
साथ ही शासन की ओर से यह भी स्पष्ट है कि वर्तमान में दिये जा रहे कर में अधिकतम पांच प्रतिशत तक की ही बढ़ोतरी की जा सकती है। दोनों ही नियम लागू होने के बाद कर में मामूली बढ़ोतरी होगी, हालांकि जिन भवनों की पैमाइश सटीक दर्ज नहीं होने के कारण कर चोरी जैसी समस्या आती थी वह खत्म हो जाएगी।
ईओ पूजा चंद्रा ने कहा कि शासन स्तर पर निकाय क्षेत्र में आने वाली सभी संपत्तियों आवासीय, व्यावसायिक, कार्यालयी भवनों समेत बाजारों व खली भूमि का डिजिटल डेटा तैयार किया जा रहा है। जिसके तहत प्रत्येक संपत्ति को यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। जिसका प्रयोग भविष्य में शहर के विकासकार्यों का प्लान तैयार करने में किया जाएगा।
प्रत्येक संपत्ति में क्यूआर कोड जारी किये जाने के बाद भवन स्वामी को कर, बिल समेत अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपने भवन की डिजिटल फाइल प्राप्त कर सकेगा।