Chaiti Chhath 2025 : चैती छठ पूजा का तीसरा दिन, जानिए सूर्य को अर्घ्य देने का समय
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अमृत विचार। साल में दो बार मनाये जाने वाला आस्था का लोकपर्व महाछठ पूजा चैत्र के महीने में चतुर्थी तिथि को शुरू होता है। और सप्तमी तिथि को समाप्त हो जाता है। 1 अप्रैल से शुरू हुई छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय, दूसरा दिन खरना व्रती किया जाता है।
पूजा पर सूर्य को अर्घ्य देने का समय
आज सायंकालीन सूर्य देव को अर्घ्य दिया जायेगा। इस दौरान एक खास योग और नक्क्षत्र बन रहा है। सायं 6 बजकर 40 मिनट पर सूर्यास्त के समय आयुष्मान योग में अर्घ दिया जायेगा।
वहीं 4 अप्रैल को 6 बजकर 8 मिनट पर सूर्योदय के समय चैत्र शुक्ल सप्तमी में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया जायेगा। इस दौरान मृगशिरा नक्षत्र में शोभन योग बन रहा है।
देश-विदेशों में मनाई जाती है छठ पूजा
कहते हैं की छठ पूजा का व्रत करने से निःसन्तानो को संतान प्राप्त होती है। साथ ही घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है। और नकारात्मकता दूर होती है प्रकति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना ही इस महापर्व को मनाया जाता है। इस महापर्व को मुख्य रूप से बिहार का महापर्व है। लेकिन अब यह कुछ सालों से पूरे देश में भी मनाया जाने लगा है। इतना ही नहीं यह भारत के अलावा विदेशों में भी बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है।
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