पीलीभीत: खूब चला नोटिस...चेतावनी और निलंबन का खेल, लक्ष्य से पिछड़ी गेहूं खरीद, 13.43 फीसदी में ही छूटे पसीने 

पीलीभीत: खूब चला नोटिस...चेतावनी और निलंबन का खेल, लक्ष्य से पिछड़ी गेहूं खरीद, 13.43 फीसदी में ही छूटे पसीने 

पीलीभीत, अमृत विचार। शासन के निर्देश पर जनपद में चल रही गेहूं खरीद शनिवार को समाप्त हो गई। करीब ढाई माह चली गेहूं खरीद के दौरान जमकर सख्ती बरती गई, गेहूं खरीद से जुड़े अफसर-कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज भी गिरी। इसके बावजूद इस सीजन में लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 13.43 फीसदी ही गेहूं खरीद हो सकी। यह दीगर बात है कि 13 का आंकड़ा छूने में ही जिम्मेदारों के छक्के छूट गए। फिलहाल, जिम्मेदारों द्वारा की गई गेहूं खरीद खाद्यान्न गोदामों को भरने में नाकाफी ही साबित रही।

शासन द्वारा जनपद में इस बार पहली मार्च से गेहूं खरीद शुरू करने का फरमान जारी किया गया था, लेकिन फसल तैयार न होने के चलते खरीद एक माह बाद ही शुरू हो सकी थी। जनपद में 145 क्रय केंद्रों के माध्यम से तीन अप्रैल से शुरू की गई, लेकिन गेहूं का बाजार भाव समर्थन मूल्य से अधिक होने के चलते सरकारी गेहूं खरीद शुरुआत में ही धड़ाम हो गई। मंडी में सख्ती बरतते हुए किसानों का गेहूं क्रय केंद्रों तक ले जाने के प्रयास किए गए, लेकिन बात नहीं बनी। गेहूं खरीद की रफ्तार धीमी होती चली गई। इस बीच डीएम संजय कुमार सिंह ने गेहूं खरीद के लक्ष्य को हासिल करने एवं डिस्ट्रेस सेल रोकने को गेहूं को जनपद से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगाया। 

टीम बनाकर निगरानी कराई गई, लेकिन सरकारी खरीद तेजी नहीं पकड़ सकी। शासन द्वारा कम खरीद पर नाराजगी जताते हुए खरीद न करने वाले अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया। गेहूं खरीद न करने वाले केंद्र प्रभारियों को पहले नोटिस, फिर चेतावनी और इसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।

जिम्मेदारों द्वारा रोजाना गेहूं खरीद की समीक्षा की जाने लगी, जिसका नतीजा यह हुआ कि बेदम होती जा रही गेहूं खरीद ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली। इस बीच गेहूं खरीद को बढ़ावा देने के लिए सभी क्रय केंद्रों को डिस्बेल करते हुए घर-घर जाकर सीधे गेहूं खरीद की गई। गेहूं खरीद से जुड़े अधिकारियों ने भी जमकर भागदौड़ की। करीब दो माह बाद जिम्मेदार लक्ष्य के सापेक्ष दहाई का आंकड़ा छूने में कामयाब हो गए। इसके बाद गेहूं खरीद की रफ्तार पुन: धीरे होती चली गई। शनिवार को गेहूं खरीद समाप्त कर दी गई।

3.08 लाख के सापेक्ष 41363.48 हुई खरीद
शासन द्वारा इस बार जनपद में 3.08 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया था। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक इस बार 41363.48 मीट्रिक टन  गेहूं खरीद की गई जोकि लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 13.43 फीसदी है। इसमें सर्वाधिक खरीद खाद्य विभाग के 29 क्रय केंद्रों के माध्यम से की गई। वहीं पीसीयू गेहूं खरीद में सबसे फिसड्डी साबित हुआ। इस क्रय एजेंसी के सर्वाधिक 33 केंद्र लगाए गए थे।

4461 किसानों से की गई खरीद, पेमेंट में रहे अव्वल
जनपद में 145 क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीद की गई। इसमें खाद्य विभाग के 29, पीसीएफ व यूपीएसएस के 28-28, पीसीयू के 33, नेफेड के 15 एवं एफसीआई के 12 केंद्र संचालित किए गए।  इन क्रय केंद्रों के माध्यम से 4461 किसानों से गेहूं खरीदा गया। खास बात यह रही कि जिम्मेदार गेहूं खरीद का लक्ष्य हासिल करने में भले ही पिछड़ गए, लेकिन किसानों को बकाया भुगतान देने में अव्वल रहे। विभाग द्वारा खरीदे गए गेहूं के सापेक्ष अब तक 99.73 फीसदी भुगतान किया जा चुका है। शेष किसानों को आधार सीडिंग न होने के चलते भुगतान नहीं हो सका है।

पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद संपन्न कराई गई। बाजार भाव अधिक होने के चलते खरीद पर असर पड़ा। पिछले साल की अपेक्षा इस बार गेहूं खरीद में खासी बढ़ोतरी हुई है। इस बार 41363.48 मीट्रिक टन गेहूं खरीद की गई है, जोकि लक्ष्य के सापेक्ष 13.43 प्रतिशत है - विजय कुमार शुक्ला, डिप्टी आरएमओ।

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