मुरादाबाद: इमाम की हत्या के दूसरे दिन भी पुलिस खाली हाथ, अभियुक्तों की पहचान तक नहीं
मुरादाबाद, अमृत विचार : कटघर थाना क्षेत्र में भैंसिया गांव में स्थित बड़ी मस्जिद के इमाम मोहम्मद अकरम की हत्या का दूसरा दिन बुधवार बीत गया। लेकिन, पुलिस की टीम में अभी तक हत्यारों की पहचान तक नहीं कर पाई हैं। इमाम के पैतृक गांव मसवासी से पुलिस की एक टीम विभिन्न पहलुओं पर जांच कर खाली हाथ लौट आई है।
पुलिस की टीम में इमाम की इमामियत के खिलाफत करने वालों पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। वैसे एसओजी, सर्विलांस, थाना आदि पुलिस की कई टीमें इमाम के हत्यारोपितों तक पहुंचने के लिए लगी हुई हैं। इमाम और उनके करीबियों के मोबाइल की काल डिटेल खंगाल रही है। माना जा रहा है कि हत्या का कारण इमाम को मिली अपने पीर की गद्दी या अपने क्षेत्र की दुश्मनी ही हो सकती है।
हत्या करने वाला भी इमाम का कोई बेहद करीबी ही है। स्वजन भी पूरी सच्चाई पुलिस को नहीं बता रहे हैं। पुलिस मान रही है कि इमाम की हत्या पूरी योजना से हुई है। चूंकि, आरोपियों को पता था कि इमाम की पत्नी आमना मायके गई हुई है। वह घर पर होती तो वही घर का दरवाजा खोलने के लिए आतीं। इसलिए ऐसा दिन चुना गया कि वह घर ही न हो। हत्या करने वालों की योजना सफल हो गई।
गांव वालों ने बताया है कि पीरजादा में रहने वाले इमाम के पीर हाजी मोहम्मद उमर उर्फ बाबू जी के हजारों की संख्या में मुरीद थे। उन्होंने अपने इंतकाल से पहले ही इमाम मुहम्मद अकरम को खलीफा घोषित कर दिया था। बाबू जी के कई करीबी इसे लेकर दुखी और गुस्सा हो गए थे।
बताते हैं कि महानगर के कई निर्यातक भी इमाम मोहम्मद अकरम से जुड़े हुए थे। कोई भी नया काम शुरू करने से पहले इमाम साहब से दुआ कराते थे। एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि इमाम मुहम्मद अकरम की हत्या करने वाले आरोपियों का पता लगाने के लिए कई टीमें काम कर रही हैं। जल्द ही घटना का खुलासा होगा।
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