बरेली: पानी का संकट कैसे हो दूर?, अमृत योजना के तहत चार सौ करोड़ खर्च...समस्या अब भी बरकरार

बरेली: पानी का संकट कैसे हो दूर?, अमृत योजना के तहत चार सौ करोड़ खर्च...समस्या अब भी बरकरार

बरेली, अमृत विचार: कहने को अफसरों ने पिछले चार साल में लोगों की प्यास बुझाने के लिए अमृत योजना के तहत चार सौ करोड़ का भारी-भरकम बजट खर्च किया लेकिन इसके बाद भी शहर में पानी का संकट कम होने के बजाय और बढ़ गया। पानी के संकट से बेहाल लोग जिस तरह लगातार नगर निगम में विरोध प्रदर्शन करने पहुंच रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। अमृत योजना के तहत हुए कामों की जो हालत है, उससे इसकी यह वजह भी साफ हो रही है कि अफसरों का जोर घर-घर पानी पहुंचाने पर रहा ही नहीं। जैसे-तैसे बजट ठिकाने लगाकर उन्होंने हाथ झाड़ लिए।

अमृत योजना के तहत बरेली को करीब 12 साै करोड़ रुपये मिले थे। सरकारी दावा है कि इसमें से करीब चार सौ करोड़ की धनराशि को शहर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर खर्च किया गया है। इसके लिए योजना के तहत कई नए ओवरहेड टैंक बनाने के साथ पुरानी पाइप लाइनों की जगह नई पाइन लाइन डाली गई थी ताकि पानी की आपूर्ति में कोई दिक्कत न हो। लेकिन अब भीषण गर्मी में पानी की जरूरत बढ़ने के बाद यह सारी व्यवस्था फेल नजर आ रही है। ज्यादातर इलाकों में अब तक नई पाइप लाइन से पानी की सप्लाई ही शुरू नहीं की गई है। ऐसा क्यों है, अफसर इसका जवाब तक नहीं दे पा रहे हैं।

खुर्रम गौंटिया और बदायूं रोड समेत कई इलाकों में काफी कम गहराई पर पाइप लाइन डाली गई है जो अक्सर फट जाती है। इसके अलावा सूफी टोला, गंगापुर, कालीबाड़ी, जगतपुर समेत कई इलाकों में नई पाइप लाइन होने के बावजूद पुरानी पाइप लाइन से ही सप्लाई की जा रही है। इससे आने वाला पानी इतना गंदा होता है कि लोग उसका इस्तेमाल ही नहीं कर पाते। पाइप लाइन टूट जाने पर कई-कई दिन पानी की सप्लाई भी ठप पड़ी रहती है। अफसर इस मामले में भी कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि नई पाइप लाइन डाले जाने के बावजूद पुरानी पाइप लाइन से सप्लाई क्यों की जा रही है।

करोड़ों खर्च के बाद भी पूरे भरते ही नहीं ज्यादातर ओवरहेड टैंक
जलकल विभाग ने शहर के 42 ओवरहेड टैंकों पर पंप ऑपरेटरों को हटाकर ऑटोमेटिक मशीनें लगाने का दावा किया था। इस दावे की पड़ताल करने पर पता चला कि पंप ऑपरेटर तो हटा लिए गए लेकिन कई ओवरहेड टैंकों पर ये मशीनें लगाई ही नहीं गई हैं। जिन ओवरहेड टैंकों पर लगी भी हैं, वे बिजली कटौती और दूसरे कारणाें से नहीं भर पाते। 

बुखारपुरा में नया ओवरहेड टैंक बना है, लेकिन यहां न ऑटोमैटिक मशीन लगी है न कोई पंप ऑपरेटर तैनात है। बताया गया कि लंबे समय से यह टैंक पूरा नहीं भर पा रहा है। इस वजह से इलाके में पानी की भारी किल्लत है। जगतपुर में पानी टंकी से सप्लाई होता है। यहां के लोगों ने नई पाइप लाइन से पानी आता ही नहीं है। वे लोग पानी खरीदकर पी रहे हैं। 

अमृत योजना के तहत बने शहामतगंज ओवरहेड टैंक से सूफी टोला में पानी की सप्लाई की जाती है। यहां लोगों का कहना है कि ओवरहेड टैंक भरता ही नहीं है। नई पाइप लाइनें भी अब तक शुरू नहीं हुईं। पुरानी पाइप लाइनों से गंदा पानी आता है। एक सप्ताह से पानी ही नहीं आया है। इसी तरह का संकट इंद्रा मार्केट, माधोबाड़ी, मढ़ीनाथ में है। मढ़ीनाथ में ओवरहेड टैंक के एक ही वाल्व से सप्लाई की जा रही है। शहर के कई और इलाके हैं जहां अमृत योजना के तहत हुए काम किसी काम नहीं आ रहे हैं।

गर्मी से पहले पायलट प्रोजेक्ट पर भी काम नहीं
शहर में 24 घंटे जलापूर्ति की योजना के लिए इंद्रानगर वार्ड को चयन किया गया है। इस योजना पर अभी काम ही नहीं शुरू हुआ है। करीब 21 करोड़ रुपये के बजट से जल निगम को इस प्रोजेक्ट पर काम करना है। वार्ड के 2172 घरों में मीटर लगेंगे। गलियों में लॉक वाली पाइप लाइन डाली जाएगी। इस मोहल्ले में 1982-83 में पाइप लाइन डाली गई थी। अब इसे बदला जाना है। जरूरत के मुताबिक ओवरहेड टैंक भी बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए टेंडर निकाले गए थे लेकिन दो बिड होने के कारण टेंडर नहीं हो सका है।

नवादा शेखान में एक साल से खराब पड़े बोरिंग को ठीक करने का काम शुरू
नवादा शेखान में बोरिंग खराब होने से करीब एक साल से ट्यूबवेल चल नहीं पा रहा था। इस मामले को एक सप्ताह पहले अमृत विचार ने प्रकाशित किया था जिसके बाद जलकल विभाग ने बोरिंग को ठीक कराने का काम शुरू कर दिया है। नवादा शेखान में स्मार्ट सिटी के तहत साल भर पहले यह ट्यूबवेल बना था। इसके बावजूद करीब 40 हजार आबादी को पानी के लिए जूझ रही है। बोरिंग का काम शुरू होने के बाद बताया जा रहा है कि तीन दिन में काम पूरा होने के बाद पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

अमृत योजना पर यह भी सवाल... 18 इलाकों में भेज रहे हैं पानी के टैंकर
नगर निगम के जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि गर्मी को देखते हुए जलकल विभाग सभी 94 नलकूप और ओवरहेड टैंक से पानी की आपूर्ति की जा रही है। जहां ट्यूबवेल में खराबी की सूचना मिल रही है, वहां 24 घंटे में उसे ठीक किया जा रहा है।

हैंडपंपों के मरम्मत के लिए पांच टीमों को लगाया गया है। मई में 400 हैंडपंप ठीक किए गए हैं। 18 इलाकों में पानी की जरूरत पूरी करने के लिए के टैंकर लगाए गए हैं। नवादा शेखान, गुलाब बाड़ी, गुलाब बाड़ी मेन राेड, माधोबाड़ी में दो, पंजाबपुरा दो, रबड़ी टोला में दो, घेर शेख मिट्ठ समेत कई इलाके इनमें शामिल हैं। सूफी टोला और बुखारा से आई शिकायतों के भी समाधान का प्रयास किया जा रहा है।

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