रामपुर : 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा पारा, गर्मी की तपिश से लोग बेहाल

रात्रि तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, फसलों में उचित सिंचाई कर खेत में नमी बनाए रखें किसान

रामपुर : 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा पारा, गर्मी की तपिश से लोग बेहाल

रामपुर में गर्मी से बचने के लिए पानी में मस्ती करते बच्चे।

रामपुर, अमृत विचार। आसमान से तपिश बरसी और पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। रात्रि तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक रहा। रात में मंद पवन चलने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। गर्मी बढ़ने से  लोग व्याकुल रहे। बिजली जाने पर लोगों ने हाथ के पंखे से हवा करके पसीने को सुखाया। इसके अलावा लोगों ने मटकों का ठंडा पानी पीकर प्यास बुझाई। सड़कों पर लोगों ने कोल्ड ड्रिंक के सापेक्ष बेल का शरबत और गन्ने का जूस पीकर प्यास बुझाई। 

सोमवार को सुबह से आसमान से सूरज तपिश बरसाता रहा। लोगों ने दोपहर की गर्मी से राहत पाने के लिए लस्सी पी और किसी ने मटके का ठंडा पानी पीकर राहत पाई। पूरे दिन लोग पसीना-पसीना होते रहे। सड़के सुनसान रहीं जरूरी कार्यों से ही लोग घरों और दफ्तरों के बाहर निकले। सड़कों पर लोग छाता और अंगोछा पहनकर चले। सोमवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया जिसके चलते लोग गर्मी से बेचैन रहे। मौसम वैज्ञानिक डा. उदय प्रताप शाही की की मानें तो अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है। 

भिंडी की तुड़ाई के फसल में डालें यूरिया
कृषि वैज्ञानिक डा. लक्ष्मीकांत ने बताया कि सब्जी उत्पादक किसान भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद यूरिया पांच से दस किलो की दर से डालें और माही कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। अधिक कीट पाए जाने पर ईथियान 1.5 से 2 मिली. एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। रबी की फसलों की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई के लिए यह मौसम अनुकूल होता है। यह खरपतवार के बीजों और कीड़ों के अंडों और प्यूपा को नष्ट करने में मदद करता है। 

हाल-ए-मौसम 

  • अधिकतम तापमान-44 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान- 28 डिग्री सेल्सियस
  • आर्द्रता- 38 प्रतिशत
  • वायु वेग-14 किमी. प्रतिघंटा

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मौसम शुष्क रहने और लू चलने का अनुमान है।  दिन का तापमान 43 से 45 डिग्री सेल्सियस जबकि,रात्रि का तापमान 30 डिग्री रहने की संभावना है। संभावित तेज गर्मी व लू की दशा में गन्ना, मक्का, सब्जी और अन्य खड़ी फसल में सिंचाई कर उचित नमी बनाए रखें।  - डा. उदय प्रताप शाही, मौसम वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय मेरठ 

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