Kanpur: आरटीई में 19 स्कूलों ने नहीं लिया प्रवेश, जिला प्रशासन के रडार में आए 45 नामचीन प्राइवेट स्कूल
9,154 सीटों में से सिर्फ 2,479 को ही मिला प्रवेश
कानपुर, अमृत विचार। आरटीई के तहत 19 स्कूलों में अब तक एक भी बच्चे का प्रवेश नहीं हुआ। इसका खुलासा हाल ही में जिला प्रशसन की ओर से 45 स्कूलों का दिए जाने वाली नोटिस में हुआ। खास बात यह है कि अब इन स्कलों को एक सप्ताह के भीतर अलॉट हुए सभी बच्चों के प्रवेश लिए जाने हैं। योजना के तहत फिलहाल तीन सूची जारी होने के बावजूद 9154 सीटों में सिर्फ 2479 बच्चों का ही प्रवेश हुआ है।
आरटीई के तहत निजी स्कूलों की मनमानी चरम पर है। इसे लेकर लंबे समय से अभिभावक बेसिक शिक्षा विभाग में अपनी शिकायत दर्ज करा रहे थे। शिकायतों की जांच की गई तो शहर में ऐसे 19 स्कूल जद में आएं जिन्होंने तीन सूची जारी होने के बाद एक भी प्रवेश नहीं लिया था। इसी तरह 21 स्कूल ऐसे सामने आए जिन्होंने अपने कोटे के सिर्फ 20 फीसदी बच्चों को ही प्रवेश देकर खानापूर्ती की थी।
विभाग की ओर से ऐसे 45 स्कूलों को जद में लिया है। इन स्कूलों को हाल ही जिला प्रशासन की ओर से नोटिस भी जारी की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इन स्कूलों को रडार में लेकर सोमवार से सभी प्रवेश कराए जाएंगे। पूरे मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह ने कहा कि सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर दी गई है। प्रवेश कराए जाने के लिए विभागीय टीम भी गठित की गई है।
इन स्कूलों ने नहीं लिया प्रवेश
ओरियन द स्कूल मीरपुर, सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, युनाईटेट पब्लिक स्कूल, ऐलन हाउस पब्लिक स्कूल, हलीम मुस्लिम इंग्लिस स्कूल, आदर्श स्कूल, किड्स प्री कान्वेंट स्कूल, प्रभात शिशु शिक्षा सदन स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर, डॉ. वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल गोविंद नगर, दिल्ली पब्लिक स्कूल किदवई नगर, प्रताप इंटरनेशनल स्कूल, कैंब्रिज हाईस्कूल स्काई लार्क, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, डीपीएस सर्वोदय नगर, पृथ्वीराज चौहान स्कूल, विन्यास पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल व स्कॉर्ट वर्ल्ड शामिल हैं।
अब तक तीन सूची हुईं जारी
विभाग की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का प्रवेश निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए अब तक तीन सूची जारी की जा चुकी हैं। पहली सूची में 9,154 बच्चों को प्रवेश के लिए चयनित किया गया था। इसी तरह दूसरी सूची में 9,251 बच्चों का चयन निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए किया गया था। तीसरी सूची में 739 बच्चों का नाम प्रवेश के लिए आया था।
पहली सूची से ही शुरू हो गई थी मनमानी
निजी स्कूलों की मनमानी मार्च में जारी हुई पहली सूची से ही शुरू हो गई थी। शिक्षा विभाग में अभिभावकों की ओर से आने वाली शिकायतों में यह साफ हुआ कि स्कूलों की ओर से पत्र न आने का बहाना किया जा रहा था। इस पर विभाग की ओर से अभिभावकों को सीधे पत्र जारी कर स्कूल तक पहुंचाने का कार्य किया गया। इस पर तमाम अभिभावकों की ओर से स्कूलों पर अनावश्यक पेपर का हवाला देकर दौड़ाए जाने की शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।