Bareilly News: कमीशन के चक्कर में आशा वर्कर ने दांव पर लगाई थी नीलम की जान
आंवला, अमृत विचार। कस्बे के पुरैना मोहल्ले में चल रहे अवैध कृष्णा अस्पताल को बुधवार को सील कर दिया। मंगलवार को इस अस्पताल में 26 वर्षीय नीलम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची तो पता चला कि अस्पताल का न पंजीकरण था, न ही उसमें प्रशिक्षित डॉक्टर थे।
इसके बाद भी मरीजों का इलाज किया जा रहा था। इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि नीलम इस अस्पताल में एक आशा वर्कर के जरिए भर्ती हुई थी। आशा वर्कर ने ही बाद में दोनों पक्षों में लेनदेन कराकर समझौता करा दिया।
सिरौली के गांव मुगलपुर निवासी नेत्रपाल की पत्नी नीलम की मंगलवार को कृष्णा अस्पताल में मौत के बाद उसके परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया था। पुलिस से भी शिकायत की लेकिन बाद में अस्पताल वालों ने उनसे समझौता कर लिया। इस पर परिवार वाले पोस्टमार्टम कराए बगैर शव घर ले गए थे।
अखबारों में खबर छपने के बाद बुधवार की दोपहर स्वास्थ्य विभाग बरेली के नोडल अधिकारी डॉक्टर लईक अंसारी ने टीम के साथ कृष्णा हास्पिटल पहुंचकर जांच की। पंजीकरण का प्रमाण मांगा तो स्टाफ नहीं दिखा सका। इसके बाद टीम ने यहां भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराकर अस्पताल को सील कर दिया।
कमीशन के चक्कर में महिलाओं की जान खतरे में डाल रही हैं आशाएं
इलाके के अधिकांश अस्पताल आशाओं की बदौलत ही चल रहे हैं। नीलम को भी प्रसव कराने के लिए उसके परिजन पहले रामनगर स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे। यहां से गर्भाशय में बच्चा उल्टा होने के कारण हालत गंभीर होने की बात कहते हुए नीलम को बरेली रेफर किया गया लेकिन आशा परिवार वालों को बरगलाकर उसे कृष्णा हॉस्पिटल ले गई जहां स्टाफ की लापरवाही से नीलम की मौत हो गई।
दरअसल आशा वर्कर ऐसे ही तमाम महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर कराकर निजी अस्पतालों में ले जाती हैं, इसके बदले उन्हें मोटा कमीशन मिलता है। आंवला तहसील में दर्जनों अस्पताल एमबीबीएस डाॅक्टरों का बोर्ड लगाकर बीएएमएस डॉक्टरों के सहारे चल रहे हैं। कुछ अस्पतालों में अप्रिशिक्षित स्टाफ ही रोगियों का इलाज और सर्जरी कर रहा हैं।
मेरी पत्नी नीलम की मंगलवार को कृष्णा हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। अस्पताल के डॉक्टर ने मुझे जबर्दस्ती 80 हजार रुपये दिए और कोई कार्रवाई न करने के लिए लिए कहा। इसीलिए हम बगैर कार्रवाई किए शव लेकर घर चले आए। - नेत्रपाल, नीलम का पति
प्रसूता की मौत की खबर पर अस्पताल की जांच की तो वहां कई मरीज भर्ती मिले। अस्पताल का पंजीकरण नहीं था। एमबीबीएस डाक्टरों की सूची चस्पा थी लेकिन अस्पताल में बीएएमएस डॉक्टर थे। अस्पताल को सील कर दिया है। - डॉ. लईक अंसारी नोडल अधिकारी स्वास्थ्य विभाग बरेली
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