उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट: सांसदों से निराश जनता, इस बार देगी किसका साथ?

उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट: सांसदों से निराश जनता, इस बार देगी किसका साथ?

चुनाव डेस्क, अमृत विचार। उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के  लिए आरक्षित है। भाजपा ने यहां के अपने सासंद हंसराज हंस का टिकट काटकर दलित चेहरे करोलबाग के रैगरपुरा निवासी योगेंद्र चंदोलिया पर दांव लगाया है। कांग्रेस से यहां दलित नेता उदित राज मैदान में उतरे हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में शहरी इलाके के साथ कच्ची कालोनियां और ग्रामीण क्षेत्र जुड़ा है। 

यहां करीब 125 गांव और 200 से अधिक अनाधिकृत कालोनियां हैं, जो बेहतर बुनियादी सुविधाओं और मेट्रो कनेक्टिविटी की राह देख रही हैं। इस सीट से 2019 में भाजपा के हंसराज हंस जीते थे तो कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज भी  2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। साल 2009 में कांग्रेस की कृष्णा तीरथ ने इस सीट से जीत हासिल की थी। यह संसदीय क्षेत्र दिल्ली के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में गिना जाता है। 

कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज का पार्टी में ही काफी विरोध हुआ था। बाहरी होने के सवाल पर वह कहते हैं कि मैं 1980 से दिल्ली में हूं। जेएनयू में पढ़ाई की है। यहीं मेरी पोस्टिंग हुई। 2014 में सांसद बना। इसी इलाके में मेरी जमीन भी है,  तो मैं बाहरी कैसे हो गया। ऐसे तो आधी से ज्यादा दिल्ली बाहरी हो जाएगी। 

वह लोगों से बता रहे हैं कि अपने सांसद कार्यकाल में उन्हें दो साल श्रेष्ठ सांसद चुना गया था। वह जनता दरबार लगाकर सबका काम करवाने की कोशिश करते थे। वह अपने बाद बने सांसद बने हंसराज हंस को निशाना बनाते हुए कहते हैं कि अगर मेरा काम अच्छा लगे तो ही मुझे वोट देना।

इसके जबाव में भाजपा प्रत्याशी चंदोलिया का कहना है कि उदित राज ने पांच साल के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया, सिर्फ  जातिवाद की राजनीति की।  इस कारण लोग उनसे नाराज हैं। हंसराज हंस सेलेब्रिटी थे, इलाकों में थोड़ा कम गए मगर मोदी सरकार ने क्षेत्र में 2200 करोड़ का एनआईटी बनाया। विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। 50 बेड का होम्योपैथिक अस्पताल दिया।  

मैं लोगों से साफ कह रहा हूं कि अगर मैं सांसद बनता हूं तो आपको नई दिल्ली नहीं आना पड़ेगा,  मैं क्षेत्र में रहूंगा। मैं इस सीट पर अपना वोट ट्रांसफर कर लिया है,  किराए पर फ्लैट ले लिया है। 24 घंटे मेरा दफ्तर खुला रहेगा। आम आदमी की वादाखिलाफी से लोग गुस्से में हैं। यहां टैंकर माफिया का राज है। पानी की बड़ी समस्या है। राशन कार्ड के लिए लोग परेशान हैं।  आयुष्मान योजना लागू नहीं की गई है। 

यह भी पढ़ें- जेल, जमानत और जनतंत्र से जीतेंगे जनता के जज्बात! दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के प्रचार से कितनी बदलेगी चुनावी तस्वीर?