हल्द्वानी: 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर अंग्रेजी के प्रवक्ता से लाखों रुपये की ठगी

हल्द्वानी: 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर अंग्रेजी के प्रवक्ता से लाखों रुपये की ठगी

हल्द्वानी, अमृत विचार। जालसाजों ने जालसाजी का नया तरीका खोज निकाला है। ताजा मामला मुखानी थाना क्षेत्र का है। जहां अंग्रेजी के एक सेवानिवृत्त प्रवक्ता को जालसाजों ने डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया। उन्हें ड्रग्स का नाम लेकर डराया और लाखों रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिए। साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 

 शिव साईं कालोनी बिठौरिया नंबर एक मुखानी निवासी अंग्रेजी के प्रवक्ता हरिहर प्रसाद शुक्ला उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने बताया, बीती 25 अप्रैल उनके पास दो अलग-अलग नंबरों से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को कस्टम का अधिकारी बताया और कहा, उनकी आधार आइडी से एक कोरियर ताइवान भेजा गया है, जिसे मुम्बई कस्टम पुलिस ने पकड़ा है।

पार्सल में ड्रग्स, पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड व अन्य गैर कानूनी सामग्री मिली है। अब उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच जाना होगा। हरिहर ने आने में असमर्थता जताई तो जाससाज बोला, वह उन्हें ऑनलाइन मुम्बई क्राइम ब्रांच से कनेक्ट कर दिया। जिस पर फर्जी डीसीपी और इंस्पेक्टर मिले। उन्होंने हरिहर से कहा कि उनके आधार पहचान पत्र से चार बैंक खाते अलग-अलग शहरों में खोले गए, जिसमें करोड़ों रुपये का हवाला और गैर-कानूनी लेन-देन हुआ है।

इसमें बड़े अपराधी शामिल हैं। जांच में पता लगा है कि उनकी पत्नी और बच्चों को भी जान का खतरा है। ऐसे में उन्हें ऑनलाइन जांच में सहयोग के लिए 24 घंटे स्काइप की विडियो कॉल पर मुम्बई क्राइम ब्रांच की निगरानी में रहना होगा। बुरी तरह डर चुके हरिहर झांसे में आ गए। वह 24 घंटे डिजिटल हाउस अरेस्ट रहे। जालसाजों ने हरिहर के सभी बैंक खातों में जमा धनराशि की जानकारी ले ली। अगले दिन फाइनेन्सियल वेरीफिकेशन कराया और चार लाख रुपये वापस करने की बात कहकर जमा करा लिए। मुखानी थानाध्यक्ष पंकज जोशी ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। 

पूरी रात और आधे दिन निगरानी ने छीनी सोचने-समझने की शक्ति
हरिहर को पूरे 24 घंटे वीडियो कॉल पर निगरानी में रखा। पूरे दिन और पूरी रात के बाद अगले आधे दिन वह निगरानी में रहे। न तो किसी से मिलने दिया, न बाहर जाने दिया, पेन, फोन और न ही इलेक्ट्रानिक उपकरण इस्तेमाल करने दिए। जिससे उनकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो गई।

सीबीआई और आरबीआई का पत्र दिखा कर साबित किया अपराध
ठगों ने उन्हें सीबीआई और आरबीआई के पत्र दिखाकर हरिहर पर अपराध में लिप्त होने की पुष्टि की। एक पत्र में लिखा था कि मुझे तत्काल अपने एसबीआई बैंक खाते से 35,565 रुपये उनके खाते में ट्रांसफर करने होंगे। इस दौरान ठगों ने उनके सभी बैंक खातों में जमा धनराशि की जानकारी ले ली।