शाहजहांपुर: अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई से गिरा बैनामों का ग्राफ, प्लाट खरीदने की सोच रहे हैं तो पढ़े लें पूरी खबर

शाहजहांपुर: अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई से गिरा बैनामों का ग्राफ, प्लाट खरीदने की सोच रहे हैं तो पढ़े लें पूरी खबर

शाहजहांपुर, अमृत विचार: महानगर में अवैध प्लाटिंग पर हुई कार्रवाई से जमीनों के बैनामों का ग्राफ गिर गया है। बीते एक साल के दौरान 50 से ज्यादा अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर चला है। जिसके चलते बैनामे कम हुए हैं। ऐसे में निबंधन विभाग को अपना टारगेट पूरा करने में परेशानी हो रही है। दूसरी ओर बिना नक्शा पास कराए अवैध प्लाटिंग करने वाले कालोनाइजर ने भी नक्शा पास कराने के लिए विनियमित क्षेत्र से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

रिंग रोड बनने के बाद जमीन की कीमतों में अचानक उछाल आ गया। कॉलोनाइजरों ने बगैर नक्शा पास कराए ही प्लॉटिंग शुरू कर दी। महानगर क्षेत्र में आने वाली इन अवैध कॉलोनियों को प्रशासन ने बीते दिनों ध्वस्त कर दिया। इसका असर यह हुआ कि बैनामों की संख्या में बड़ी कमी आ गई। हालांकि, सर्किल रेट बढ़ने से स्टांप निबंधक विभाग की आय में वृद्धि हुई है। 2018 में नगर पालिका से नगर निगम बन गया था।

इससे शहर का दायरा भी बढ़ गया। 42 की जगह 60 वार्ड हो गए। सीमा विस्तार में रोजा क्षेत्र की 13 और चिनौर क्षेत्र की छह ग्राम पंचायतों को भी शामिल किया गया। इसके बाद अजीजगंज से लेकर नगरिया मोड़ तक व सुभाष नगर से शाहबाजनगर और निगोही रोड होते हुए पुवायां बाईपास पर रिंग रोड निकाली गई। नगर निगम क्षेत्र में आने वाली अवैध प्लॉटिंग का ध्वस्तीकरण कर दिया गया है। 

क्योंकि कॉलोनाइजरों ने इन क्षेत्रों में कृषि भूमि का व्यवसायीकरण का बगैर व विनियमित क्षेत्र से नक्शा पास कराए प्लॉटिंग शुरू कर दी। इस पर कार्रवाई के बाद पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा इस बार करीब 3000 तक बैनामे कम हुए। उप निबंधक कार्यालय के अनुसार वर्ष 2022-23 की अपेक्षा 2023-24 में 12 करोड़ से अधिक स्टांप शुल्क की प्राप्ति हुई। इसकी एक वजह यह भी बताई जा रही है कि पांच जनवरी 2024 से जनपद में 10 प्रतिशत तक सर्किल रेट की वृद्धि हुई। 

नियोजित विकास को बनाया जा रहा विकास प्राधिकरण
प्रशासन की ओर से शहर को विकास प्राधिकरण बनाने की कवायद शुरू हो गई है। करीब छह माह पहले प्रशासन की ओर से प्राधिकरण बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें आपत्ति लग गई थी। इसके बाद प्रशासन ने फिर से महायोजना का नक्शा बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजा है। संभावना है कि अगले छह माह में विकास प्राधिकरण को स्वीकृति मिल सकती है। अवैध प्लॉटिंग में जिन क्रेताओं ने जमीन का बैनामा कर लिया है, वे वर्तमान में उसके मालिक हैं। 

महायोजना का नक्शा पास होने के बाद किसी भी जमीन पर निर्माण कराने के लिए विनियमित क्षेत्र से नक्शा पास करना जरूरी है। हालांकि, जिन मकानों का निर्माण हो गया है, उनको गिराने का प्रावधान नहीं हैं। सब रजिस्ट्रार सदर अरुण गुप्ता ने बताया कि शहर में अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई होने से बैनामों की संख्या में कमी आई है। सर्किल रेट बढ़ने से स्टांप शुल्क में वृद्धि हुई है। क्रेता जमीन का बैनामा करने से पहले सही से जांच-परख कर लें।

प्लाट खरीदने से पहले कर लें जांच-
- नगर निगम में जमीन दर्ज होनी चाहिए।
-कृषि भूमि का व्यावसायिक भूमि में परिवर्तन हो ।
- विनियमित क्षेत्र से कॉलोनी का नक्शा पास हो ।
-औद्योगिक भूमि नहीं होनी चाहिए।
-विनियमित क्षेत्र में आवासीय भूमि में दर्ज हो।
-धारा 80 के तहत आबादी में घोषित होनी चाहिए।
-भूमि बाढ़ क्षेत्र नहीं होना चाहिए।

विनियमित क्षेत्र से नक्शा पास कराने के बाद ही नया निर्माण कराया जा सकता है। अवैध प्लॉटिंग किसी भी हाल में नहीं होने दी जाएगी---प्रवेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट।

वर्ष/बैनामों की संख्या  
2022-23 /78696
2023-24 /75890

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