76 की उम्र में साइकिल से लोगों में मतदान करने की अलख जगाने निकले पद्मश्री प्रोफेसर किरण सेठ

कन्या कुमारी से जम्मू कश्मीर तक महात्मा गांधी का संदेश देते हुए स्वास्थ्य, जल और मतदान के प्रति लोगों को कर रहे जागरूक

76 की उम्र में साइकिल से लोगों में मतदान करने की अलख जगाने निकले पद्मश्री प्रोफेसर किरण सेठ

नैनी/प्रयागराज, अमृत विचार। स्पिक मैके के संस्थापक पद्मश्री पुरस्कार विजेता प्रो. किरण सेठ 76 वर्ष की उम्र में भी लोगों को शास्त्रीय संगीत, संस्कृति, स्वास्थ्य के साथ ही मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके लिए वह इन दिनों साइकिल से जम्मू कश्मीर से कन्या कुमारी तक की साइकिल यात्रा पर निकले हैं। गुरुवार को वह नैनी के देवरख स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल प्रयागराज में पहुँचे तो उनका स्वागत और अभिनंदन किया गया। संस्थान की अध्यक्ष सोनू सिंह, प्रधानाचार्य डॉ. सुजाता सिंह ने उन्हें सम्मानित किया। 

प्रो. किरण सेठ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज दिखावा बहुत हो रहा है। बच्चों में एकाग्रता और धैर्यता एकदम खतम होती जा रही है। बच्चों के भविष्य के लिए यह बहुत जरूरी है। हमने टीचर का स्थान जरूर ले लिया लेकिन गुरु का स्थान नहीं ले पा रहे हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल चलाकर महात्मा गांधी के सादा जीवन और उच्च विचार के संदेश का प्रचार कर रहे प्रो. सेठ ने अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ वातावरण के लिए साइकिल चलाने, मतदाता जागरूकता, जल के महत्व और संरक्षित करने लिए सुझाव दिये। 

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उन्होंने वर्तमान परिस्थिति के अनुसार जीवन शैली में बदलाव करने के अनेकों प्रामाणिक सुझाव बताते हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल के बच्चों को संगीत का महत्व जीवन में सफल होने के गुण आदि पर गहन चर्चा की। स्पिक मैके को एक जन आंदोलन के रूप में सभी वर्ग के लोगो को शिक्षित, सदाचारी जीवन और मानव मूल्यों के महत्व पर पद्म किरण सेठ ने अपना वक्तव्य दिया। इस अवसर पर स्पिक मौके प्रयागराज संयोजक मधु शुक्ला भी मौजूद रहीं।

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