वोटिंग में मथुरा रहा फिसड्डी, आधे मतदाता भी नहीं निकले वोट डालने 

वोटिंग में मथुरा रहा फिसड्डी, आधे मतदाता भी नहीं निकले वोट डालने 

मथुरा। कान्हा की भक्ति में सुध बुध खोने को तैयार मथुरा के लोगों ने लोकतंत्र के महापर्व में शुक्रवार को अपने वोट की आहुति देने में सुस्ती दिखायी लिहाजा संसदीय क्षेत में यहां मतदान का प्रतिशत मात्र 49.49 प्रतिशत ही रहा जो 2019 के मुकाबले 11 फीसदी कम था। 2019 के चुनाव में यहां 60.77 प्रतिशत मतदान हुआ था। 

निष्पक्ष प्रेक्षकों का कहना है कि मतदान प्रतिशत गिरने का कारण भीषण गर्मी के कारण कुछ गांवों में अपनी समस्याओं को लेकर मतदान का बायकाट करना भी था। कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने देवपुरा गांव के लोगों को सुबह ही समझा दिया था तथा वहां पर मतदान भी शुरू हो गया था। मांट विधानसभा क्षेत्र के आठ गावों में लम्बे समय तक किये गए बहिष्कार के बाद विधायक राजेश चौधरी ने गांववालों को समझाकर वोट देने के लिए राजी तो कर लिया था मगर बायकाटवाले गांवों में दो घंटे से लेकर पांच घंटे तक मतदान नही हुआ। 

यही नही समझाने के बाद हर गांव का एक वर्ग अपने बहिष्कार के निर्णय पर अडिग रहा तथा वोट डालने नही आया। गोवर्धन विधान सभा के तीन गावों में भी सुबह से बहिष्कार होने तथा दोपहर तक दो गावों में बहिस्कार को वापस लेने पर मतदान तो हुआ लेकिन एक बड़ा वर्ग मतदान करने नही आया ।यही नही इसी विधानसभा क्षेत्र के मुखराई गांव के लोगों का मतदान बहिस्कार अंत तक जारी रहा जिसके कारण भी मतदान का प्रतिशत घट गया। पोलिंग प्रतिशत कम होने से जीत हार का अंतर कम होने की संभावना बढ़ गयी है। 

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